एआईपीईएफ ने सरकार से चंडीगढ़ में विद्युत वितरण के निजीकरण की प्रक्रिया रद्द करने की मांग की

एआईपीईएफ ने सरकार से चंडीगढ़ में विद्युत वितरण के निजीकरण की प्रक्रिया रद्द करने की मांग की

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  • Publish Date - June 7, 2021 / 02:27 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:01 PM IST

नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने सरकार से केंद्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़ में विद्युत वितरण के निजीकरण की प्रक्रिया रद्द करने की अपील की है।

एआईपीईएफ के प्रवक्ता वी के गुप्ता ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने निजीकरण प्रक्रिया पर रोक लगाने वाले पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को देखते हुए केंद्रशासित क्षेत्र चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण निविदा रद्द करने की मांग की है।’

गौरतलब है कि अदालत ने 28 मई को दिए अपने एक आदेश में कहा था कि निजीकरण कोई रामबाण नहीं है और इसके लिए तथाकथित कुशलता हासिल करने का हवाला देना आधारहीन है क्योंकि विद्युत विभाग न केवल लाभ में चल रहा है बल्कि उसने बार-बार ग्राहक संतुष्टि के ऊंचे मानकों को पूरा किया है और शहर की खूबसूरती को बनाए रखने में उसकी एक अहम भूमिका है।

गुप्ता ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक है कि चंडीगढ़ प्रशासन और विद्युत मंत्रालय अदालत द्वारा निर्दिष्ट सिद्घांत के खिलाफ जा रहे हैं और यह सीधा-सीधा अदालत की अवमानना का मामला होगा।

संगठन ने कहा कि निजीकरण प्रक्रिया से विद्युत विभाग के कर्मचारियों पर सबसे बुरा असर पड़ेगा।

भाषा प्रणव मनोहर

मनोहर