एएमएनएस इंडिया की नजर घरेलू ‘कलर कोटेड’ बाजार में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी पर

एएमएनएस इंडिया की नजर घरेलू ‘कलर कोटेड’ बाजार में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी पर

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  • Publish Date - May 30, 2025 / 06:14 PM IST,
    Updated On - May 30, 2025 / 06:14 PM IST

नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) भारत में ‘कलर कोटेड’ (रंग की परत वाले) इस्पात की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए, आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील (एएमएनएस) इंडिया ने शुक्रवार को एक नई उत्पाद श्रृंखला शुरू करने की घोषणा की। इसका उपयोग हवाई अड्डों, रेलवे और मेट्रो परियोजनाओं जैसे क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

कंपनी के निदेशक और बिक्री और विपणन खंड के उपाध्यक्ष रंजन धर ने यहां संवाददाताओं को बताया कि भारत में ‘कलर कोटेड’ इस्पात की मांग 10-12 प्रतिशत की सीमा में बढ़ रही है और एएमएनएस इंडिया जल्द ही इस क्षेत्र में अपनी क्षमता बढ़ाने की योजना बना रही है।

उन्होंने कहा, “हमने इस मांग को पूरा करने के लिए घरेलू इस्पात उद्योग में ‘ऑप्टिगल प्राइम’ और ‘ऑप्टिगल पिनेकल’ नामक एक बिल्कुल नई उत्पाद श्रृंखला पेश की है। हम अपने अभिनव और पर्यावरण अनुकूल उत्पाद के साथ राजमार्ग, रेलवे, मेट्रो, हवाई अड्डों जैसे क्षेत्रों को लक्षित कर रहे हैं।”

धर ने कहा कि भारत में ‘कलर कोटेड’ इस्पात के खंड का बाजार इस समय 34 लाख टन होने का अनुमान है।

धर ने कहा कि भारत में पहली बार उच्च गुणवत्ता वाला जंगरोधी इस्पात बनाया गया है। अब तक यह उत्पाद केवल यूरोप में ही बनाया जा रहा था।

जब उनसे भारत के विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की खबरों के बारे में पूछा गया तो धर ने आर्थिक वृद्धि में इस्पात की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, “इस्पात के बिना तेजी से निर्माण संभव नहीं है। चीन या दक्षिण कोरिया को देखें – इस्पात उनकी वृद्धि की गति की रीढ़ रहा है। उन्नत इस्पात समाधानों के साथ, पारंपरिक तरीकों का उपयोग करके तीन से चार साल लेने वाली परियोजनाएं अब एक साल से भी कम समय में पूरी हो सकती हैं।”

एएमएनएस इंडिया की ‘कलर कोटेड’ इस्पात की उत्पादन क्षमता फिलहाल लगभग सात लाख टन सालाना है, जिसे निकट भविष्य में बढ़ाकर 10 लाख टन करने की योजना है। नए उत्पादों का विनिर्माण कंपनी के पुणे स्थित संयंत्र में किया जा रहा है।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय