Bharatmala project scam: छत्तीसगढ़ में हुए इस बड़े घोटाले में ED ने जारी की प्रेस नोट, नगद 40 लाख रुपए के साथ मिले आपत्तिजनक दस्तावेज

Bharatmala project scam: छत्तीसगढ़ में हुए इस बड़े घोटाले में ED ने जारी की प्रेस नोट, नगद 40 लाख रुपए के साथ मिले आपत्तिजनक दस्तावेज

Bharatmala project scam

HIGHLIGHTS
  • भारतमाला परियोजना में जमीन अधिग्रहण से जुड़ा 43 करोड़ का घोटाला
  • ईडी की छापेमारी में 40 लाख नकद और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद
  • कई अधिकारी और भू-माफिया की मिलीभगत, कुछ पहले से जेल में

रायपुर: Bharatmala project scam भारतमाला परियाजना में हुए घोटाले को लेकर ईडी की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने रायपुर और महासमुंद के 9 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसके बाद पूरे मामले को लेकर एक प्रेस नोट जारी की है।

Bharatmala project scam छापेमारी के दौरान ईडी को 40 लाख रुपए नकद के साथ डिजिटल डिवाइस, कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। जांच में जमीन के बड़े टुकड़ों को जानबूझकर परिवार के सदस्यों के बीच छोटे टुकड़ों में बांटने की बात सामने आई है। जांच में यह भी सामने आया कि इस पूरे खेल में कुछ अधिकारियों की मिलीभगत थी, राजस्व रिकॉर्ड में जानबूझकर हेराफेरी की गई, जिससे जमीन की कीमत और स्वामित्व से जुड़ी जानकारी बदली जा सके। इस मामले में कई अधिकारी और जमीन दलाल पहले से जेल में है।

जानिए कैसे हुआ घोटाला ?

भारत-माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। SDM, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर घोटाले को अंजाम दिया। इस मामले में कोरबा डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को सस्पेंड किया गया था। इसके पहले जगदलपुर निगम कमिश्नर निर्भय साहू को सस्पेंड किया गया था। शशिकांत और निर्भय पर जांच रिपोर्ट तैयार होने के 6 महीने बाद कार्रवाई हुई थी। निर्भय कुमार साहू सहित 5 अधिकारी-कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपए से ज्यादा राशि की गड़बड़ी का आरोप है।

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ईडी ने कहां छापेमारी की?

रायपुर और महासमुंद के 9 ठिकानों पर।

छापेमारी में क्या बरामद हुआ?

40 लाख रुपए नकद, डिजिटल डिवाइस और आपत्तिजनक दस्तावेज।

घोटाले की राशि कितनी है?

जमीन अधिग्रहण मामले में लगभग 43 करोड़ रुपए का घोटाला।