नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (भाषा) भारत का राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन जल्द ही वास्तविक तौर पर इस्तेमाल के लिए प्रौद्योगिकियों के उपयोग में स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) का समर्थन करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू करेगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में विभिन्न विज्ञान विभागों की समीक्षा बैठक के बाद आधिकारिक बयान में कहा गया, अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ) एक ‘लघु व्यवसाय गहन प्रौद्योगिकी नवाचार’ कार्यक्रम शुरू करने के लिए तैयार है, जो वैश्विक स्तर की सर्वोत्तम गतिविधियों से प्रेरित होगा।
बयान में कहा गया, राष्ट्रीय अनुसंधान बुनियादी ढांचे को जितना हो सके उतना मजबूत बनाने के लिए एएनआरएफ एक ‘क्लाउड ऑफ रिसर्च एंड इनोवेशन इंफ्रास्ट्रक्चर’ भी शुरू करेगा, ताकि अत्याधुनिक प्रौद्योगिक पर काम कर रहे स्टार्टअप और संस्थानों को देश भर में कम उपयोग किए जाने वाले उपकरणों तक पहुंच मिल सके।
बैठक में सिंह ने एएनआरएफ को सभी विज्ञान मंत्रालयों और सरकारी विभागों के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया, ताकि निजी कंपनियों को शामिल करते हुए उन्नत सहयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
मंत्री ने कहा, ‘‘ सभी विज्ञान मंत्रालयों को बाजार-प्रासंगिक, सार्वजनिक-हितकारी उत्पाद प्रदान करने के इरादे से काम करना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि एएनआरएफ न केवल एक समन्वय निकाय के रूप में, बल्कि निजी क्षेत्र के निवेश व नवाचार को लाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी काम करेगा।
सिंह ने प्रत्यक्ष सार्वजनिक उपयोगिता वाली परियोजनाओं के महत्व को उल्लेख किया और सीएसआईआर के हंस-एनजी विमान, परमाणु ऊर्जा विभाग के भारत लघु मॉड्यूलर रिएक्टर तथा अंतरिक्ष आधारित उपयोग को अनुकरणीय मॉडल करार दिया।
सिंह की अध्यक्षता में विभिन्न विज्ञान विभागों की समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर, प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिरिक्त सचिव हरि रंजन राव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अभय करंदीकर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव राजेश गोखले, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के महानिदेशक एन. कलईसेलवी, इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
भाषा निहारिका रमण अनुराग
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