नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर (भाषा) उद्योग मंडल एसोचैम ने बृहस्पतिवार को आगामी आम बजट के लिए केंद्र सरकार को कर सरलीकरण एवं युक्तिकरण जैसे कई सुझाव दिए ताकि कारोबारी सुगमता बढ़ने के साथ देश में निवेश को और प्रोत्साहन मिल सके।
एसोचैम के प्रतिनिधियों ने राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव से मुलाकात कर प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों से संबंधित अपने सुझावों का ज्ञापन सौंपा।
उद्योग मंडल ने नए विनिर्माण उपक्रमों के लिए 15 प्रतिशत की रियायती कर दर को फिर से लागू करने का प्रस्ताव रखा है। आयकर अधिनियम की धारा 115बीएबी के तहत मार्च, 2024 तक पंजीकृत कंपनियों को यह सुविधा पहले भी उपलब्ध थी।
इसके अलावा, एसोचैम ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत ऋण माफी को कर-योग्य आय न मानने का सुझाव भी दिया। संगठन का कहना है कि ऐसा कदम समाधान प्रक्रिया को सुगम बनाएगा।
अप्रत्यक्ष करों के मोर्चे पर, एसोचैम ने सीमा शुल्क के तहत एक समग्र कर माफी योजना लाने की सिफारिश की है, जिससे करदाताओं को पुराने विवाद निपटाने का अवसर मिल सके।
एसोचैम ने यह भी कहा कि सीमा शुल्क अधिनियम में समयसीमा के युक्तिकरण और सीमा-शु्ल्क अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (सीएएआर) की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी, 2026 को संसद में वित्त वर्ष 2026-27 का बजट पेश करेंगी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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