नयी दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा) नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने बृहस्पतिवार को कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में दक्षता, जुझारू क्षमता और नवाचार हासिल करने के लिए सार्वजनिक एवं निजी भागीदारी का संतुलित मिश्रण महत्वपूर्ण है।
बेरी ने यह टिप्पणी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित ऊर्जा सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए की।
एक बयान में उपाध्यक्ष के हवाले से कहा गया, ‘हमारे ऊर्जा बाजार की संरचना पर सावधानीपूर्वक पुनर्विचार की आवश्यकता है। ऊर्जा दक्षता, मजबूती और नवाचार प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक और निजी भागीदारी का संतुलित मिश्रण महत्वपूर्ण होगा।’
सीआईआई ने बयान में कहा कि बेरी ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र की वर्तमान बाजार संरचना की समीक्षा का आह्वान करते हुए कहा कि हाइड्रोकार्बन और बिजली उत्पादन में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के पारंपरिक प्रभुत्व को ऊर्जा परिवर्तन की बदलती वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए विकसित किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा का मतलब सिर्फ आपूर्ति सुनिश्चित करना नहीं है, बल्कि यह सामर्थ्य, विविधीकरण और जुझारू क्षमता से भी जुड़ा है।
बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि भविष्य क्रांतिकारी प्रौद्योगिकियों का नहीं, बल्कि मौजूदा प्रौद्योगिकियों का बड़े पैमाने पर विकास करने, सौर, हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा को किफायती और सुलभ बनाने का होगा।
भाषा योगेश अजय
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