कोलकाता, 10 फरवरी (भाषा) बर्जर पेंट्स लिमिटेड की चेयरमैन रिश्मा कौर ने सोमवार को कहा कि कंपनी ‘टिकाऊ’ विकास और रणनीतिक विस्तार पर ध्यान केंद्रित करते हुए भरोसे और नवाचार की अपनी प्राचीन विरासत को आगे बढ़ाना जारी रखेगी।
कौर ने कहा कि कंपनी किसी भी अधिग्रहण के प्रति सतर्क रुख बनाए हुए है।
जब उनसे पूछा गया कि कंपनी ने अक्ज़ो नोबल के पेंट कारोबार के लिए बोली क्यों नहीं लगाई, जो भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में बिक्री के लिए है, तो बर्जर पेंट्स की चेयरमैन ने पीटीआई-भाषा को बताया कि ‘‘मौजूदा परिस्थितियों में, यह हमारी रणनीति के अनुरूप नहीं है। इसलिए, हमने अभी तक कोई बोली नहीं लगाई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास अपनी योजनाएं हैं, चाहे प्रतिस्पर्धा अधिक हो या कम। हम इससे व्यवस्थित तरीके से निपटेंगे। यदि अधिग्रहण का कोई अच्छा अवसर आता है, तो हम मूल्य-लाभ समीकरण के आधार पर उसका मूल्यांकन करेंगे। हालांकि, हमारे पास व्यवस्थित रूप से बढ़ने की क्षमता है, और यह हमारी प्राथमिकता है। हमने अतीत में कंपनियों का अधिग्रहण किया है और यदि वे हमारे रणनीतिक लक्ष्यों के अनुरूप हैं, तो हम अधिग्रहण पर विचार करना जारी रखेंगे।’’
उन्होंने कहा कि बर्जर पेंट्स भारत के अग्रणी पेंट निर्माताओं में से एक है और जब आवश्यक हो तो रणनीतिक अधिग्रहण का मूल्यांकन करते हुए नवाचार, ब्रांडिंग और आपूर्ति श्रृंखला दक्षताओं के माध्यम से अपनी बाजार स्थिति को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
कौर ने कहा, ‘‘हमारा दृष्टिकोण हमेशा उस विश्वास को बनाए रखना रहा है जो हमने वर्षों से विकसित किया है। हमारे पीछे 100 साल होने के साथ, हमारा ध्यान नवाचार, सेवा उत्कृष्टता, आपूर्ति श्रृंखला दक्षता, नेटवर्क विस्तार और ब्रांडिंग पर बना हुआ है। विकास महत्वपूर्ण है, लेकिन यह टिकाऊ होना चाहिए।’’
कंपनी ने पहले वर्ष 2030 तक अपने कारोबार को दोगुना करके 20,000 करोड़ रुपये करने की योजना की घोषणा की थी।
इस बीच, बर्जर पेंट्स के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिजीत रॉय ने न्यू टाउन में कंपनी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि पिछली कुछ तिमाहियों में लगभग 11 प्रतिशत के मूल्य नुकसान में सुधार हुआ है।
उन्होंने कहा कि कंपनी बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बावजूद विस्तार कर रही है और पानागढ़ (पश्चिम बंगाल), ओडिशा और आंध्र प्रदेश में तीन नई परियोजनाओं में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इन परियोजनाओं से कंपनी की स्थापित क्षमता मौजूदा 1.10 लाख टन से बढ़कर 1.42 लाख टन प्रति माह हो जाएगी।
भाषा राजेश राजेश अजय
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