बेहतर मानसून के अनुमान से खाद्य कीमतों को काबू में रखने में मिलेगी मदद: आरबीआई बुलेटिन

बेहतर मानसून के अनुमान से खाद्य कीमतों को काबू में रखने में मिलेगी मदद: आरबीआई बुलेटिन

बेहतर मानसून के अनुमान से खाद्य कीमतों को काबू में रखने में मिलेगी मदद: आरबीआई बुलेटिन
Modified Date: April 22, 2025 / 06:00 pm IST
Published Date: April 22, 2025 6:00 pm IST

मुंबई, 22 अप्रैल (भाषा) इस साल मानसून के सामान्य से बेहतर रहने के अनुमान से कृषि क्षेत्र की स्थिति बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे कृषि आय में वृद्धि हो सकती है और खाद्य कीमतों को काबू में रखने में मदद मिल सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अप्रैल के बुलेटिन में यह कहा गया है।

बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर एक लेख में कहा गया है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच उपभोग और निवेश जैसे वृद्धि के घरेलू इंजन मजबूत बने हुए हैं और ये बाहरी प्रतिकूल परिस्थितियों से अपेक्षाकृत कम प्रभावित हैं।

इसमें कहा गया है, ‘‘सूझबूझ के साथ नीति समर्थन भारत को वैश्विक अस्थिरता को अवसर में बदलने और उभरते विश्व आर्थिक परिदृश्य में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद कर सकता है।’’

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इसमें यह भी कहा गया है कि व्यापार और शुल्क दबाव में वृद्धि और परिणामस्वरूप वित्तीय बाजार में अस्थिरता ने निकट भविष्य में वैश्विक वृद्धि के कमजोर होने के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं।

बुलेटिन में लिखा गया, ‘‘हालांकि, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य के कमजोर होने के साथ विदेशों से मांग में नरमी के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो सकती है, लेकिन उपभोग और निवेश जैसे वृद्धि के घरेलू इंजन मजबूत बने हुए हैं और ये बाहरी प्रतिकूल परिस्थितियों से अपेक्षाकृत कम प्रभावित हैं।’’

इस साल सामान्य से अधिक दक्षिण-पश्चिम मानसून के पूर्वानुमान से कृषि क्षेत्र की संभावनाओं को बढ़ावा मिला है। इससे कृषि आय में वृद्धि हो सकती है और खाद्य कीमतों को काबू में रखने में मदद मिल सकती है।

बुलेटिन के अनुसार, भारत के विभिन्न देशों के साथ व्यापार संबंधों को देखते हुए यह आपूर्ति श्रृंखला को व्यवस्थित कर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के स्रोतों को विविध बनाकर और वैश्विक निवेशकों के साथ जुड़ाव से लाभान्वित होने को तैयार है।

हालांकि, रिजर्व बैंक ने साफ कहा कि बुलेटिन में कही गयी बातें लेखकों की हैं और वे केंद्रीय बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।

भाषा रमण अजय

अजय


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