भूषण स्टील के अधिग्रहण से वित्त मंत्रालय क्यों खुश है, जानिए

भूषण स्टील के अधिग्रहण से वित्त मंत्रालय क्यों खुश है, जानिए

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  • Publish Date - May 21, 2018 / 10:47 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:26 PM IST

नई दिल्ली। भूषण स्टील के अधिग्रहण से देश का वित्त मंत्रालय खुश है। मंत्रालय का मानना है कि भूषण स्टील और टाटा के बीच हुई 3600 करोड़ की यह डील बैंकिंग सिस्टम को साफ करने में सहायक होगा, साथ ही कर्जदाताओं को भी इससे फायदा होगा। रिजर्व बैंक द्वारा सभी 12 एनपीए को दिवालिया प्रक्रिया शुरु करने संबंधी निर्देश से बैंकों को 1 लाख करोड़ रुपए वापस मिलने की उम्मीद है। टाटा समूह ने पिछले सप्ताह भूषण स्टील लिमिटेड कंपनी के 72% शेयर अधिग्रहित किए हैं। भूषण स्टील कर्ज में डूबी हुई थी।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक इस डील के बाद अब बचे हुए 11 एनपीए के मामले भी सुलझाए जाने के लिए कतार में हैं। दीवालिया घोषित किए जाने के प्रस्ताव से जो रकम आएगी वह पब्लिक सेक्टर के बैंकों का बोझ करेगा। बता दें कि जून 2017 में आरबीआई की इंटरनल एडवाइज़री कमेटी ने 12 ऐसे खातों की पहचान की थी जिनपर 5,000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। इन 12 खातों की बैंकों के कुल एनपीए में हिस्सेदारी 25% है।

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आरबीआई की कमेटी के इस निर्देश के बाद विभिन्न बैंकों ने ऐसे कुल 12 खातों के बारे में जानकारी दी जिन 1.75 लाख रुपए कर्ज बकाया है। इन खातों में भूषण स्टील लिमिटेड, भूषण पावर ऐंड स्टील लिमिटेड, जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड, लैंको इन्फ्राटेक, मोनेट इस्पात ऐंड इनर्जी लिमिटेड, ज्योति स्ट्रक्चर्स लिमिटेड, इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड, ऐमटेक ऑटो लिमिटेड, एरा इन्फ्रा इंजिनियरिंग लिमिटेड, आलोक इंडस्ट्रीज लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड हैं।

विभिन्न बैंकों के 48,000 करोड़ रुपए भूषण पावर ऐंड स्टील पर बकाया है। जून 2017 में पंजाब नैशनल बैंक ने एनसीएलटी को भेजा था। पिछले सप्ताह टाटा स्टील के बीएनपीएल ने 36,400 करोड़ रुपए चुकाकर 72.65 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली। इस डील के बाद पीएनबी ने अपने जारी बयान में कहा कि इससे बैंक को फायदा होगा। इससे पीएनबी के एनपीए में 3,857 करोड़ रुपए की कमी आएगी।

वेब डेस्क, IBC24