निजीकरण की राह पर आगे बढ़ी बीपीसीएल, नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी 9,876 करोड़ रु. में बेचेगी

निजीकरण की राह पर आगे बढ़ी बीपीसीएल, नुमालीगढ़ रिफाइनरी में हिस्सेदारी 9,876 करोड़ रु. में बेचेगी

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  • Publish Date - March 1, 2021 / 03:20 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) ने असम की नुमालीगढ़ रिफाइनरी से बाहर निकलने की घोषणा की है। बीपीसीएल ने सोमवार को कहा कि वह नुमालीगढ़ रिफाइनरी में अपनी समूची हिस्सेदारी ऑयल इंडिया लि. (ओआईएल) तथा इंजीनियर्स इंडिया लि. (ईआईएल) के गठजोड़ को 9,876 करोड़ रुपये में बेचेगी। उल्लेखनीय है कि सरकार बीपीसीएल के निजीकरण की तैयारी कर रही है।

नुमालीगढ़ रिफाइनरी लि. की बिक्री से देश की दूसरी सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी के निजीकरण का रास्ता साफ हो जाएगा। असम शांति समझौते के तहत सरकार ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लि. (एनआरएल) को सार्वजनिक क्षेत्र में रखने का फैसला किया है। इसके तहत बीपीसीएल द्वारा एनआरएल में अपनी समूची 61.65 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को की जाएगी।

ऑयल इंडिया लि., इंजीनियर्स इंडिया लि. तथा असम सरकार ने इस हिस्सेदारी को खरीदने में रुचि दिखाई है। बीपीसीएल के निदेशक मंडल ने सोमवार को इस बिक्री की मंजूरी दी।

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कंपनी ने कहा, ‘‘बीपीसीएल के निदेशक मंडल ने एक मार्च, 2021 को हुई बैठक में एनआरएल में बीपीसीएल के समूचे 445.35 करोड़ इक्विटी शेयरों को ओआईएल और ईएलआई तथा असम सरकार के गठजोड़ को बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।’’ यह हिस्सेदारी बिक्री 9875.96 करोड़ रुपये में की जाएगी।

ओआईएल तथा इंजीनियर्स इंडिया लि. का गठजोड़ संभवत: 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा। शेष 13.65 प्रतिशत हिस्सेदारी असम सरकार करेगी।

एनआरएल असम में 30 लाख टन सालाना की तेल रिफाइनरी का परिचालन करती है। अभी ओआईएल की एनआरएल में 26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। असम सरकार के पास इसकी 12.35 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

निवेश एवं लोक संपत्ति विभाग के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने ट्वीट किया, ‘‘बीपीसीएल के निदेशक मंडल ने एनआरएल से बाहर निकलने की अनुमति दे दी है। इससे बीपीसीएल के निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। ओआईएल, ईआईएल और असम सरकार इस हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेंगी।’’

एनआरएल की बिक्री के बाद बीपीसीएल के पास तीन…मुंबई, कोच्चि (केरल) और बीना (मध्य प्रदेश) की रिफाइनरियां बचेंगी। सरकार बीपीसीएल में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने जा रही है। इसे आज का सबसे बड़ा निजीकरण कहा जा रहा है।

भाषा अजय अजय रमण

रमण