लॉकडाउन के हिसाब से ढल रहे हैं व्यापार और घर; पिछले साल से कम प्रभावित होगी मांग: दास

लॉकडाउन के हिसाब से ढल रहे हैं व्यापार और घर; पिछले साल से कम प्रभावित होगी मांग: दास

लॉकडाउन के हिसाब से ढल रहे हैं व्यापार और घर; पिछले साल से कम प्रभावित होगी मांग: दास
Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 pm IST
Published Date: May 5, 2021 12:11 pm IST

मुंबई, पांच मई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि उद्यम और घर-परिवार लॉकडाउन के ‘अनुरुप ढलने की कोशिश कर रहे’ हैं और पिछले साल के राष्ट्रीय लॉकडाउन मुकाबले इस बार लागू प्रतिबंधों का मांग पर असल अपेक्षाकृत ‘हल्का’ रहेगा।

उन्होंने बुधवार को कहा कि होटल और खुदरा ब्याज जैसे कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में समग्र मांग में कुछ समय के लिए कमी हो सकती है।

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच कुछ जगहों पर लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लगाये जाने के बीच कुछ विश्लेषकों ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अपने पहले के अनुमान घटा दिए हैं।

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वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने बुधवार को भारत की वृद्धि का अपना पूर्वानुमान 11 प्रतिशत से घटाकर 9.8 प्रतिशत कर दिया। रिजर्व बैंक का आकलन है कि अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्तीय वर्ष में 10.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।

पिछले वित्तीय वर्ष में कोविड-19 लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था (जीडीपी) में 7.6 प्रतिशत का संकुचन हुआ था। दास ने कहा, ‘स्थानीय स्तरों पर प्रतिबंध और रोकथाम उपायों के साथ व्यावसायिक इकाइयां और घर-परिवार स्थिति के अनुरुप ढलने की कोशिश कर रहे हैं। इसके चलते कुल मांग में आने वाली कमी एक साल पहले की तुलना में हल्की होने की उम्मीद है।’

भाषा प्रणव मनोहर

मनोहर


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