मंत्रिमंडल ने 19,142 करोड़ रुपये की लागत से नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट गलियारे के निर्माण को दी मंजूरी

मंत्रिमंडल ने 19,142 करोड़ रुपये की लागत से नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट गलियारे के निर्माण को दी मंजूरी

मंत्रिमंडल ने 19,142 करोड़ रुपये की लागत से नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट गलियारे के निर्माण को दी मंजूरी
Modified Date: December 31, 2025 / 04:20 pm IST
Published Date: December 31, 2025 4:20 pm IST

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र में 19,142 करोड़ रुपये की कुल लागत से छह ‘लेन’ वाले नासिक-सोलापुर-अक्कलकोट गलियारे के निर्माण को बुधवार को मंजूरी दे दी।

आधिकारिक बयान के अनुसार, 374 किलोमीटर लंबी यह परियोजना ‘बनाओ-चलाओ-सौंप दो (बीओटी) टोल मोड’ पर विनिर्मित की जाएगी। इस परियोजना के माध्यम से नासिक, अहिल्यानगर और सोलापुर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रीय शहरों को कुरनूल से जोड़ा जाएगा।

यह बुनियादी ढांचा प्रधानमंत्री गतिशक्ति राष्ट्रीय ‘मास्टर प्लान’ सिद्धांत के अंतर्गत एकीकृत परिवहन अवसंरचना विकास को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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नासिक से अक्कलकोट तक प्रस्तावित नए गलियारे को वधावन बंदरगाह इंटरचेंज के पास दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से, नासिक में एनएच-60 (अदेगांव) के जंक्शन पर आगरा-मुंबई गलियारे से और पांगरी (नासिक के पास) में समृद्धि महामार्ग से जोड़ा जाना है।

बयान में कहा गया कि प्रस्तावित गलियारा पश्चिमी तट से पूर्वी तट तक सीधा संपर्क प्रदान करेगा।

चेन्नई बंदरगाह की ओर से, चेन्नई से तिरुवल्लूर, रेनिगुंटा, कडप्पा और कुरनूल होते हुए हासपुर (महाराष्ट्र सीमा) तक चार-‘लेन’ वाले गलियारे का निर्माण कार्य पहले से ही प्रगति पर है। यह 700 किलोमीटर लंबा होगा।

प्रस्तावित छह ‘लेन’ वाले इस नए गलियारे का प्राथमिक उद्देश्य यात्रा दक्षता में सुधार करना है। इससे यात्रा का समय 31 घंटे से कम होकर 17 घंटे रह जाएगा। साथ ही यात्रा की दूरी 201 किलोमीटर कम होने की उम्मीद है।

नासिक-अक्कलकोट (सोलापुर) संपर्क सुविधा से कोप्पार्थी और ओरवाकल के प्रमुख राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) केंद्रों से आने-जाने वाले माल ढुलाई के लिए लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार होगा।

छह ‘लेन’ का यह प्रवेश-नियंत्रित नए गलियारे पर 60 किमी/घंटे की औसत से वाहन गति चल पाएंगे जबकि इसको तैयार 100 किमी/घंटे की गति के लिए किया गया है।

बयान में कहा गया, इससे कुल यात्रा समय 31 घंटे से घटकर लगभग 17 घंटे हो जाएगा। साथ ही यात्रियों और मालवाहक वाहनों दोनों के लिए सुरक्षित, तेज और निर्बाध संपर्क उपलब्ध होगा। इस परियोजना से लगभग 251.06 लाख मानव श्रम दिवस का प्रत्यक्ष रोजगार और 313.83 लाख मानव श्रम दिवस का अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा।

इस परियोजना से प्रस्तावित गलियारे के आसपास के क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण अतिरिक्त रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।

भाषा निहारिका रमण

रमण


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