सीसीआई ने उच्च न्यायालय को बताया, व्हा्ट्सएप की नयी निजता नीति की जांच का आदेश दिया है

सीसीआई ने उच्च न्यायालय को बताया, व्हा्ट्सएप की नयी निजता नीति की जांच का आदेश दिया है

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  • Publish Date - April 13, 2021 / 11:00 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:53 PM IST

नयी दिल्ली, 13 अप्रैल (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अदालत में कहा है कि व्हॉट्सएप की नयी निजता-नीति से इस नेटवर्क-मंच का उपयोग करने वालों के डाटा (नजी जानकारियों) का अत्यधिक संग्रहण होगा और यह अधिक से अधिक प्रयोगकर्ताओं को जोड़ने के उद्येश्य से लक्षित विज्ञापन करने के लिउ उपभोक्ताओं का ‘पीछा’ करने जैसा होगा। यह एक तरह से बाजार में अपने दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग करना है।

दिल्ली उच्च न्यायालय में इस मामले में मंगलवार को प्रतिस्पर्धा आयोग के वकली अमन लेखी ने मंगलवार को न्यायमूर्ति नवीन चावला के समक्ष यह बात रखी। सीसीआई ने संदेश भेजने के मंच व्हॉट्सएप की नयी निजता नीति की जांच आदेश दिया है। अपनी जांच को उचित ठहराते हुए सीसीआई ने अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखा।

लेखी ने कहा कि सीसीआई इस मामले में प्रतिस्पर्धा के पहलुओं पर गौर कर रहा है। प्रतिस्पर्धा नियामक व्यक्तिगत निजता के उल्लंघन के मामले को नहीं देख रहा है। निजता के अधिकार से जुड़ा मामला उच्चतम न्यायालय में है।

सीसीआई के अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले में अधिकार क्षेत्र की गलती का सवाल नहीं है। उन्होंने कहा कि व्हॉट्सएप और फेसबुक ने सीसीआई के फैसले को चुनौती देने वाली जो याचिकाएं दी हैं वे ‘अनुचित और मिथ्या अवधारणा पर आधारित हैं।’

इस मामले में व्हॉट्सएप और फेसबुक की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी कर रहे हैं। इन कंपनियों ने सीसीआई के 24 मार्च के नयी निजता नीति की जांच के आदेश को चुनौती दी है।

उच्च न्यायालय ने इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा है। लेखी ने अदालत को बताया कि व्हॉट्सएप द्वारा डाटा का संग्रहण और उसके फेसबुक से साझा करना प्रतिस्पर्धा रोधी है या नहीं, यह सिर्फ जांच के बाद ही तय हो सकेगा।

उल्लेखनीय है कि व्हॉट्सएप की नयी निजता नीति खबरें आने के बाद जनवरी में सीसीआई ने खुद ही इस मामले पर गौर करने का फैसला किया था।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर