मध्य रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष में एचओजी प्रौद्योगिकी अपनाकर 170 करोड़ रुपये बचाए

मध्य रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष में एचओजी प्रौद्योगिकी अपनाकर 170 करोड़ रुपये बचाए

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Modified Date: May 16, 2025 / 08:40 PM IST
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Published Date: May 16, 2025 8:40 pm IST

मुंबई, 16 मई (भाषा) मध्य रेलवे ने कम ऊर्जा खपत वाले हेड-ऑन जेनरेशन (एचओजी) परिचालन के कारण पिछले वित्त वर्ष में (2024-25) में 170.7 करोड़ रुपये की बचत की है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा कि मध्य रेलवे ने वित्त वर्ष 2024-25 में एचओजी प्रौद्योगिकी पर 86.71 प्रतिशत ट्रेन संचालन स्तर हासिल किया है, जिससे सभी पांच खंडों में ‘पर्यावरण मंजूरी और परिचालन लागत’ में 170.7 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

रेलवे ने एक बयान में कहा, इस प्रौद्योगिकी से मुंबई खंड में सबसे अधिक 136.16 करोड़ रुपये की बचत हुई, इसके बाद पुणे में 22.31 करोड़ रुपये, नागपुर में 6.96 करोड़ रुपये, सोलापुर में 3.68 करोड़ रुपये और भुसावल में 1.59 करोड़ रुपये की बचत हुई।

बयान में कहा गया है कि हेड-ऑन जेनरेशन (एचओजी) एक आधुनिक बिजली आपूर्ति प्रणाली है, जिसमें लोकोमोटिव द्वारा ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइनों (ओएचई) से सीधे बिजली खींची जाती है और एयर कंडीशनिंग, लाइटिंग और अन्य विद्युत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ट्रेन के डिब्बों में वितरित की जाती है।

यह अभिनव प्रणाली पारंपरिक एंड-ऑन जेनरेशन (ईओजी) पद्धति की जगह ले रही है, जो ट्रेन से जुड़ी डीजल से चलने वाली जनरेटर कारों पर निर्भर करती है।

जहां ईओजी में ट्रेन के दोनों सिरों पर दो डीजल जनरेटर कारों की आवश्यकता होती है, वहीं एचओजी लोकोमोटिव से निर्बाध रूप से बिजली खींचता है, जिससे जनरेटर कारों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, डीजल की खपत कम होती है और हानिकारक उत्सर्जन में कमी आती है।

भाषा राजेश राजेश अनुराग

अनुराग

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)