थोक दवाओं, चिकित्सा उपकरणों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये दिशानिर्देशों में किया गया बदलाव

थोक दवाओं, चिकित्सा उपकरणों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये दिशानिर्देशों में किया गया बदलाव

थोक दवाओं, चिकित्सा उपकरणों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिये दिशानिर्देशों में किया गया बदलाव
Modified Date: November 29, 2022 / 07:50 pm IST
Published Date: October 29, 2020 2:47 pm IST

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) औषधि विभाग ने बृहस्पतिवार को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के दिशानिर्देशों में बदलाव किया है। उद्योग जगत के सुझावों और टिप्पणियों के आधार पर उठाये गये इस कदम का मकसद देश में थोक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा है, ‘‘इस लिहाज से न्यूनतम निवेश सीमा के स्थान पर ‘निवेश प्रतिबद्धता’ को रखा गया है। इस मामले में उपलब्ध प्रौद्योगिकी विकल्प को ध्यान में रखा जायेगा। यह प्रत्येक उत्पाद के मामले में भिन्न होगी।’’

विज्ञप्ति में कहा गया है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पीएलआई याजना को 20 मार्च 2020 को मंजूरी दी थी। योजना को अमल में लाने के वास्ते औषधि विभाग द्वारा विस्तृत दिशानिर्देश 27 जुलाई 2020 को जारी करदिये गये थे। इसके बाद विभाग को औषधि कंपनियों और चिकित्सा उपकरण बनाने वाले उद्योग से कई तरह के सुझाव और जानकारी प्राप्त हुई। इनमें योजना के तहत उद्योगों की प्रभावी भागीदारी के लिये दिशानिर्देशों में कुछ संशोधनों की मांग की गई थी।

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इन सुझावों का योजना के तहत गठित संबंधित तकनीकी समिति ने परीक्षण किया जिसके बाद समिति की सिफारिशों को योजना की नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त समिति के समक्ष रखा गया।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि सिफारिशों पर विचार के बाद अधिकारी प्राप्त समिति ने दोनों योजनाओं के दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी दे दी। पीएलआई योजना के तहत जो प्रमुख बदलाव किया गया है उसमें महत्वपूर्ण सामग्री, औषधि मध्यस्थ और सक्रिय औषधि सामग्री के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिये चुनींदा आवेदकों द्वारा ‘न्यूनतम निवेश सीमा’ के स्थान पर ‘प्रतिबद्धित निवेश’ मानक को रखा गया है।

इसमें कहाा गया है कि यह बदलाव उत्पादक पूंजी के बेहतर उपयोग को प्रोत्साहन देने के लिये किया गया है क्योंकि उत्पादन के एक खास स्तर को हासिल करने के लिये जितने निवेश की जरूरत होती है वह प्रौद्योगिकी की पसंद पर निर्भर करता है। यह अलग अलग उत्पाद के मामले में भी भिन्न होती है।

प्रोत्साहन प्राप्त करने की पात्रता के लिये उत्पाद को केवल घरेलू बाजार में बिक्री के प्रावधान को भी हटा लिया गया है। इससे योजना को भी अन्य उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के समान स्तर पर ला दिया गया है। साथ ही बाजार विविधीकरण को भी प्रोत्साहित किया गया है।

भाषा

रमण महाबीर मनोहर

मनोहर


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