2026 में सरकारी बैंकों के एकीकरण को मिलेगी गति

2026 में सरकारी बैंकों के एकीकरण को मिलेगी गति

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  • Publish Date - December 26, 2025 / 11:24 AM IST,
    Updated On - December 26, 2025 / 11:24 AM IST

(कुमार दीपांकर)

नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में एकीकरण की प्रक्रिया आने वाले वर्ष में तेज हो सकती है, क्योंकि सरकार ने 2047 तक ‘विकसित भारत’ के अपने लक्ष्य के तहत देश में अधिक बड़े और विश्वस्तरीय बैंक बनाने की इच्छा जताई है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने कहा था कि भारत को कई बड़े, विश्वस्तरीय बैंकों की जरूरत है और इस दिशा में काम पहले ही शुरू हो चुका है।

उन्होंने कहा था कि सरकार ने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ चर्चा शुरू कर दी है, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र में एकीकरण के स्पष्ट संकेत मिले हैं।

इस समय देश में 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हैं। परिसंपत्तियों के आधार पर दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में देश से सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक ही शामिल है। परिसंपत्तियों के आधार पर एसबीआई वैश्विक स्तर पर 43वें स्थान पर है। इसके बाद निजी क्षेत्र का एचडीएफसी बैंक 73वें स्थान पर है।

सरकार पहले ही दो चरणों में बैंकों का एकीकरण कर चुकी है, जिससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह गई। इसके तहत यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का पंजाब नेशनल बैंक में विलय किया गया। सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक में विलय हुआ, इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में मिलाया गया, तथा आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में शामिल किया गया। इससे पहले देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय किया गया था।

सरकार ने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है और निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के सचिव अरुणिश चावला ने उम्मीद जताई है कि रणनीतिक बिक्री मार्च 2026 तक पूरी हो जाएगी।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2025-26 के अंत तक दो लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक स्तर को पार करने की उम्मीद है।

दूसरी ओर, निजी बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी पूंजी का बड़ा प्रवाह देखने को मिला। जापान की सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉरपोरेशन ने मई में यस बैंक में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 13,483 करोड़ रुपये में हासिल करने का फैसला किया था। यह सौदा सितंबर में पूरा हुआ।

संयुक्त अरब अमीरात के एमिरेट्स एनबीडी बैंक ने अक्टूबर में आरबीएल बैंक में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी 26,853 करोड़ रुपये में खरीदने का निर्णय लिया।

बीमा क्षेत्र की बात करें तो इस साल संसद में सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानून संशोधन) विधेयक, 2025 पारित हुआ, जिससे इस क्षेत्र में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का रास्ता साफ हुआ। जीएसटी दर में कटौती का लाभ बीमा क्षेत्र को भी मिला।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय