Dal ki kimat kya hai
Dal ki kimat kya hai: मानसून के सीजन में सब्जियों की बढ़ती कीमतें आम जनता को झटके पर झटका दे रही है। इसी बीच अब लोगों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। लगभग साल भर परेशान करने के बाद दाल की कीमतों में अब गिरावट देखने को मिल रही है। ऐसे में कहा जा रहा है कि आने वाले महीनों में दालों की कीमतों में और गिरावट आ सकती है।
16.07 फीसदी पर आई खुदरा महंगाई दर
आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि पिछले एक महीने से देश की विभिन्न मंडियों में दाल की कीमतों में गिरावट आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, चना, तुअर यानी अरहर और उड़द जैसी दालों के दाम नरम पड़ रहे हैं। ऐसे में आम लोगों के लिए राहत की बात है, क्योंकि दालों की कीमतें साल भर से ज्यादा समय से तेज चल रही थीं। जनवरी में दालों की खुदरा महंगाई दर 19.54 फीसदी पर थी, जो जून में कम होकर 16.07 फीसदी पर आ गई है।
इन दालों की कीमतों में आई गिरावट
उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, अरहर दाल की खुदरा कीमतें कम होकर शनिवार को 160 रुपये किलो दर्ज की गई। जो की एक महीने पहले की तुलना में 5.8% कम है। इसी तरह मसूर दाल एक महीने पहले की तुलना में 10% सस्ता होकर शनिवार को 90 रुपये किलो दर्ज की गई। अधिकारियों का कहना है कि प्रमुख मंडियों में चना, अरहर और उड़द दाल की कीमतें पिछले एक महीने के दौरान 4 % तक कम हुई हैं।
ड्यूटी-फ्री इम्पोर्ट 31 मार्च 2025 तक बढ़ाया
कहा जा रहा है कि आने वाले समय में दालों की कीमतों में और नरमी आ सकती है। कीमतों में इस नरमी का प्रमुख कारण सरकारी प्रयासों से आयात में लाई गई तेजी बताई जा रही है। सरकार ने दालों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अरहर, उड़द और मसूर दाल पर ड्यूटी-फ्री इम्पोर्ट को 31 मार्च 2025 तक के लिए बढ़ा दिया है। इसके चलते दालों का आयात बढ़ रहा है। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने 4.73 मिलियन टन दालों का आयात किया था, जो वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 90% ज्यादा है।