एंजल फंड के निवेश आवंटन की गणना-पद्धति बताने की समयसीमा जनवरी तक बढ़ी
एंजल फंड के निवेश आवंटन की गणना-पद्धति बताने की समयसीमा जनवरी तक बढ़ी
नयी दिल्ली, 15 अक्टूबर (भाषा) बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को एंजल फंड्स द्वारा उनके निजी नियोजन ज्ञापन (पीपीएम) में निवेश आवंटन की गणना-पद्धति बताने की समयसीमा 31 जनवरी, 2026 तक बढ़ा दी।
इससे पहले इसकी समयसीमा 15 अक्टूबर रखी गई थी।
पीपीएम निवेशकों को सुरक्षित एवं पारदर्शी ढंग से निवेश के लिए तैयार किया जाने वाला एक दस्तावेज है, जो खासकर एंजल फंड या निजी निवेश कोष के लिए बनाया जाता है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कहा कि वैकल्पिक निवेश कोष( एआईएफ) उद्योग की तरफ से अतिरिक्त समय की मांग को ध्यान में रखते हुए समयसीमा आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इससे एंजल फंड निर्देश का अनुपालन आसानी से कर सकेंगे।
नए नियम के मुताबिक, 31 जनवरी, 2026 के बाद किसी भी मौजूदा एंजल फंड द्वारा किए गए निवेश का आवंटन उनकी पीपीएम में घोषित पद्धति के अनुरूप होना चाहिए।
सेबी के ढांचे के मुताबिक, एंजल फंड्स को पीपीएम में स्पष्ट गणना-पद्धति बतानी होगी, ताकि निवेश का आवंटन उन एंजल निवेशकों के बीच किया जा सके जिन्होंने निवेश को मंजूरी दी है।
सितंबर में एंजल फंड्स के लिए नियमों को एआईएफ खंड के अंतर्गत संशोधित किया गया था। संशोधित ढांचे के तहत फंड केवल अधिकृत निवेशकों से पूंजी जुटा सकते हैं, जिससे वित्तपोषण, निवेश और अनुपालन नियमों में सुव्यवस्था आएगी।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय

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