मानसून की दस्तक के साथ जुलाई के पहले पखवाड़े में घटी पेट्रोल, डीजल की मांग

मानसून की दस्तक के साथ जुलाई के पहले पखवाड़े में घटी पेट्रोल, डीजल की मांग

मानसून की दस्तक के साथ जुलाई के पहले पखवाड़े में घटी पेट्रोल, डीजल की मांग
Modified Date: November 29, 2022 / 07:59 pm IST
Published Date: July 17, 2022 11:17 am IST

नयी दिल्ली, 17 जुलाई (भाषा) मानसून की दस्तक के साथ जुलाई के पहले पखवाड़े में देश में पेट्रोल और डीजल की मांग में गिरावट आई है। उद्योग की ओर से रविवार को जारी शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

मानसून के आगमन के साथ जहां कुछ क्षेत्रों में ईंधन का उपभोग घटा है, वहीं आवाजाही घटने से भी इसकी मांग नीचे आई है।

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सबसे ज्यादा इस्तेमाल वाले ईंधन डीजल की खपत एक से 15 जुलाई के दौरान 13.7 प्रतिशत घटकर 31.6 लाख टन रह गई, जो पिछले महीने की समान अवधि में 36.7 लाख टन थी।

देश में डीजल की मांग मानसून पर काफी निर्भर करती है। आमतौर पर अप्रैल-जून की तुलना में जुलाई-सितंबर की तिमाही में डीजल की मांग कम रहती है। बाढ़ की वजह से जहां आवाजाही घटती है वहीं बारिश के चलते कृषि क्षेत्र में भी डीजल का इस्तेमाल कम हो जाता है। कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए सिंचाई के लिए पंप चलाने को डीजल का इस्तेमाल होता है, लेकिन मानसून के समय इसकी जरूरत नहीं होती।

हालांकि, सालाना आधार पर डीजल की मांग 27 प्रतिशत बढ़ी है। पिछले साल की समान अवधि में महामारी की दूसरी लहर के कारण डीजल की मांग काफी घटी थी।

एक से 15 जुलाई, 2020 की तुलना में डीजल की मांग 43.6 प्रतिशत बढ़ी है। उस समय यह 22 लाख टन रही थी। वहीं यह कोविड-पूर्व यानी जुलाई, 2019 की तुलना में 13.7 प्रतिशत अधिक रही है।

जुलाई के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की मांग 7.8 प्रतिशत घटकर 12.7 लाख टन रह गई, जो पिछले माह की समान अवधि में 13.8 लाख टन थी।

यह आंकड़ा जुलाई, 2021 से 23.3 प्रतिशत और जुलाई, 2020 के पहले पखवाड़े से 46 प्रतिशत ऊंचा है। यह जुलाई, 2019 यानी कोविड-पूर्व की समान अवधि से 27.9 प्रतिशत अधिक है।

जून में वाहन ईंधन की मांग बढ़ने की मुख्य वजह गर्मियों की छुट्टियों के बीच लोगों की ठंडे स्थानों की यात्रा थी।

विमानन क्षेत्र के फिर से खुलने के बाद घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या बढ़ी है। इस वजह से विमान ईंधन (एटीएफ) की मांग भी बढ़ी है।

आंकड़ों के अनुसार, एक से 15 जुलाई के दौरान एटीएफ की मांग सालाना आधार पर 77.2 प्रतिशत बढ़कर 2,47,800 टन पर पहुंच गई। यह जुलाई, 2020 की समान अवधि से 125.9 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, यह कोविड-पूर्व यानी जुलाई, 2019 की समान अवधि से 17.7 प्रतिशत कम है। पिछले महीने की समान अवधि की तुलना में एटीएफ की मांग 6.7 प्रतिशत घटी है।

एक अधिकारी ने कहा कि महामारी से संबंधित अंकुश हटने के साथ देश में ईंधन की मांग बढ़ रही है। अधिकारी ने कहा, ‘‘मानसून के महीनों में आमतौर पर ईंधन की खपत कम रहती है। लेकिन साल के शेष महीनों में मांग तेज रहने की उम्मीद है।’’

भाषा अजय

अजय

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