दिसंबर के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री में सुधार, दिवाली में आई थी बड़ी गिरावट

दिसंबर के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री में सुधार, दिवाली में आई थी बड़ी गिरावट

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  • Publish Date - December 17, 2023 / 12:01 PM IST,
    Updated On - December 17, 2023 / 12:01 PM IST

नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) देश में डीजल की खपत में दिसंबर के पहले पखवाड़े में कुछ सुधार आया है। दिवाली के दौरान देश में कुछ ट्रक चालकों के छुट्टी पर जाने की वजह से नवंबर में डीजल की मांग में भारी गिरावट आई थी।

सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर के पहले पखवाड़े में डीजल की मांग सुधरी है। हालांकि, यह अब भी एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में कम है।

देश में डीजल की खपत एक से 15 दिसंबर, 2023 के दौरान 31.5 लाख टन रही। नवंबर के पहले पखवाड़े के 31.3 टन की की तुलना में यह 0.7 प्रतिशत अधिक है। एक-15 दिसंबर, 2022 में डीजल की खपत 34.3 लाख टन रही थी। यानी एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में डीजल की खपत 8.1 प्रतिशत घटी है।

उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि नवंबर में बिक्री में गिरावट मुख्य वजह यह थी कि कुछ ट्रक चालक दिवाली पर छुट्टी लेकर अपने घर चले गए थे।

डीजल भारत में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन है। देश के परिवहन क्षेत्र में कुल ईंधन खपत में डीजल की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। ट्रांसपोर्ट क्षेत्र की देश की कुल डीजल बिक्री में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

निजी वाहनों की आवाजाही बढ़ने से दिसंबर के पहले पखवाड़े में सार्वजनिक क्षेत्र की तीन पेट्रोलियम कंपनियों की पेट्रोल की बिक्री 0.7 प्रतिशत बढ़कर 12.2 लाख टन हो गई।

अक्टूबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की मांग सालाना आधार पर नौ प्रतिशत घटी थी और डीजल की बिक्री 3.2 प्रतिशत गिरी थी। हालांकि, नवरात्रि/दुर्गा पूजा की शुरुआत ने इस प्रवृत्ति को पलटने में मदद की। नवंबर के पहले पखवाड़े में डीजल की मांग में 12.1 प्रतिशत की गिरावट आई और दूसरे पखवाड़े में इसमें कुछ सुधार हुआ।

एक से 15 दिसंबर के दौरान पेट्रोल की खपत कोविड-प्रभावित 1-15 दिसंबर, 2021 की तुलना में 9.5 प्रतिशत अधिक और महामारी-पूर्व दिसंबर, 2019 की तुलना में 27.5 प्रतिशत अधिक थी।

दिसंबर, 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में डीजल की मांग 9.5 प्रतिशत और 1-15 दिसंबर, 2019 की तुलना में आठ प्रतिशत अधिक थी।

इस साल एक से 15 दिसंबर के दौरान जेट ईंधन (एटीएफ) की बिक्री सालाना आधार पर 2.6 प्रतिशत बढ़कर 3,09,500 टन हो गई। लेकिन यह दिसंबर, 2019 की तुलना में 8.6 प्रतिशत कम थी।

दिसंबर, 2021 की तुलना में एटीएफ की खपत 22.8 प्रतिशत अधिक थी, लेकिन कोविड-पूर्व यानी दिसंबर, 2019 की मांग 3,38,890 टन से यह कम थी।

नवंबर, 2023 के पहले पखवाड़े में 3,10,900 टन की तुलना में मासिक आधार पर जेट ईंधन की बिक्री 0.4 प्रतिशत कम रही।

दिसंबर के पहले पखवाड़े में रसोई गैस-एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 2.3 प्रतिशत बढ़कर 13.5 लाख टन रही। एलपीजी की खपत 1-15 दिसंबर, 2021 की तुलना में 8.6 प्रतिशत अधिक और कोविड-पूर्व यानी दिसंबर, 2019 की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक थी।

आंकड़ों से पता चलता है कि एक से 15 नवंबर के दौरान एलपीजी की खपत 12.5 लाख टन रही। यानी मासिक आधार पर एलपीजी की खपत दिसंबर के पहले पखवाड़े में 7.3 प्रतिशत बढ़ी है।

भाषा अजय अजय

अजय