अहमदाबाद । गुजरात सरकार ने अचल संपत्तियों के मूल्यांकन यानी जंत्री की दरों को दोगुना कर दिया है। नागरिकों की संपत्तियों को बाजार मूल्य के अनुरूप बदलने के लिए यह संशोधन किया गया है। गुजरात के राजस्व विभाग ने शनिवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि बदली हुई जंत्री दरें रविवार से लागू हो जाएंगी। राज्य सरकार ने 12 साल बाद अचल संपत्तियों के मूल्यांकन की दरों को बदला है।
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अधिसूचना के मुताबिक, राज्य में अचल संपत्तियों की ‘दरों के वार्षिक विवरण’ (एएसआर) यानी जंत्री की मदद से स्टाम्प शुल्क एवं पंजीकरण शुल्क की गणना की जा सकती है। एएसआर अचल संपत्तियों की खरीद-बिक्री के दौरान वसूले जाने वाले स्टाम्प शुल्क की गणना का दिशानिर्देश देता है। विभिन्न परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की स्थिति में एएसआर को मुआवजा देने के लिए आधार माना जाएगा। अगर किसी क्षेत्र में जंत्री दर इस समय 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर है तो पांच फरवरी से वह 200 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो जाएगी।
स्टाम्प अधीक्षक जेनू दीवान ने कहा कि गुजरात में तेजी से हुए औद्योगीकरण और शहरी एवं ग्रामीण विकास की वजह से अचल संपत्तियों की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ी हैं। इस स्थिति में नागरिकों को बाजार मूल्य के हिसाब से संपत्तियों का भाव देने के लिए 18 अप्रैल, 2011 से लागू जंत्री दरों को दोगुना किया जा रहा है।