Employee Enrollment Scheme 2025: EPFO की नई स्कीम से कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले! नामांकन योजना से क्या होगा फायदा? यहां समझिए पूरा मामला

ईपीएफओ ने कर्मचारी नामांकन योजना 2025 की शुरुआत कर दी है। इस नई योजना के तहत अगर किसी कर्मचारी के वेतन से पहले भविष्य निधि की कटौती नहीं की गई है, तो नियोक्ता को उसके हिस्से का अंशदान जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी।

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  • Publish Date - November 2, 2025 / 03:51 PM IST,
    Updated On - November 2, 2025 / 03:51 PM IST

(Employee Enrollment Scheme 2025/Image Credit: ANI News)

HIGHLIGHTS
  • कर्मचारी नामांकन योजना 2025, 1 नवंबर से लागू।
  • नियोक्ताओं को केवल अपने हिस्से का अंशदान और ₹100 शुल्क देना होगा।
  • 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच शामिल सभी कर्मचारी होंगे पात्र।

नई दिल्ली: Employee Enrollment Scheme 2025: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कर्मचारी नामांकन योजना 2025 की शुरुआत कर दी है। यह योजना 1 नवंबर 2025 से प्रभावी होगी। इस पहल का उद्देश्य नियोक्ताओं को पात्र कर्मचारियों की स्वैच्छिक घोषणा और नामांकन के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि औपचारिक क्षेत्र में अधिक कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जा सके।

क्या है नई योजना का प्रावधान?

नई योजना के तहत यदि किसी कर्मचारी के वेतन से पहले भविष्य निधि (PF) की कटौती नहीं की गई है, तो नियोक्ता को उस कर्मचारी के हिस्से का अंशदान भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। इस स्थिति में केवल 100 रुपये का नाममात्र दंडात्मक शुल्क देना होगा। यह कदम नियोक्ताओं को पुराने रिकॉर्ड नियमित करने और पात्र कर्मचारियों को ईपीएफओ से जोड़ने के लिए प्रेरित करेगा।

पात्र कौन-कौन होंगे?

इस योजना का लाभ 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच किसी संगठन में शामिल होने वाले सभी कर्मचारियों को मिलेगा। यह योजना केवल उन कर्मचारियों पर लागू होगी जो घोषणा की नियत तिथि तक जीवित और कार्यरत हैं। सभी प्रतिष्ठान इस योजना के लिए पात्र होंगे, चाहे उनके खिलाफ EPF एवं विविध प्रावधान अधिनियम की धारा 7A, योजना के अनुच्छेद 26B या पेंशन योजना 1995 के अनुच्छेद 8 के तहत जांच चल रही हो।

नियोक्ताओं को क्या करना होगा?

नियोक्ताओं को निर्धारित अवधि के लिए केवल अपने हिस्से का अंशदान जमा करना होगा और साथ में 100 रुपये का शुल्क देना होगा। यदि नियोक्ता इस योजना का लाभ उठाते हैं और समय पर घोषणा कर देते हैं, तो EPFO उनके खिलाफ स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई नहीं करेगा, बशर्ते कि जिन कर्मचारियों की घोषणा की गई है वे उस समय संगठन छोड़ चुके हों।

केंद्रीय श्रम मंत्री ने क्या कहा?

श्रम, रोजगार, युवा मामले और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि, EPFO सिर्फ एक फंड नहीं है, बल्कि यह भारत के कार्यबल के सामाजिक सुरक्षा के प्रति विश्वास का प्रतीक है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि हर सुधार को सरल और स्पष्ट शब्दों में कर्मचारियों तक पहुंचाया जाना चाहिए ताकि वे बदलाव के प्रभाव को सीधे महसूस कर सकें। मांडविया ने कहा कि EPFO को सेवा वितरण में पारदर्शिता, गति और संवेदनशीलता बनाए रखनी होगी ताकि नागरिकों का विश्वास और मजबूत हो सके।

EPFO की हालिया पहल

हाल ही में EPFO ने कई नई सेवाएं शुरू की हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (Centralised Pension Payment System)
  • आधार और फेस ऑथेंटिकेशन सुविधा
  • संशोधित इलेक्ट्रॉनिक चालान सह रिटर्न (ECR) प्रणाली

इन सेवाओं का उद्देश्य संगठन के 7 करोड़ से अधिक सदस्यों को तकनीक-आधारित, तेज और पारदर्शी सेवा प्रदान करना है।

ईपीएफओ की भूमिका

श्रम सचिव वंदना गुरनानी ने कहा कि ईपीएफओ, प्रधानमंत्री विकासशील भारत रोजगार योजना के क्रियान्वयन में केंद्रीय भूमिका निभा रहा है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य 3.5 करोड़ नई नौकरियां सृजित करना और देशभर में औपचारिक रोजगार का विस्तार करना है।

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कर्मचारी नामांकन योजना 2025 कब से लागू हुई?

यह योजना 1 नवंबर 2025 से लागू है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इसका उद्देश्य नियोक्ताओं को कर्मचारियों की स्वैच्छिक घोषणा और नामांकन के लिए प्रोत्साहित करना और अधिक कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा में लाना है।

इस योजना में नियोक्ता को कितना अंशदान देना होगा?

नियोक्ता को केवल अपने हिस्से का अंशदान जमा करना होगा और ₹100 का नाममात्र दंडात्मक शुल्क देना होगा।

इस योजना के लिए कौन-कौन कर्मचारी पात्र हैं?

1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच किसी संगठन में शामिल सभी कर्मचारी, जो घोषणा की नियत तिथि तक जीवित और कार्यरत हैं।