नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियां: डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन |

नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियां: डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन

नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करें परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियां: डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन

:   Modified Date:  May 29, 2024 / 03:18 PM IST, Published Date : May 29, 2024/3:18 pm IST

मुंबई, 29 मई (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर स्वामीनाथन जे ने परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) में नियामकीय प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर चिंता जतायी है। उन्होंने इन कंपनियों से नियमों का अनुपालन सक्रियता के साथ सुनिश्चित करने को कहा ताकि नियामक को उसको लेकर उन्हें आगाह करने की जरूरत नहीं पड़े।

उन्होंने 17 मई को देश में एआरसी के शीर्ष प्रबंधन के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं आप सभी से नियमन को लेकर एक सक्रिय रुख अपनाने का आग्रह करूंगा। इसके तहत आप नियमों को उसकी पूर्ण भावना के साथ अक्षरश: पालन करें।’’

स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘अक्सर हमें अपनी टिप्पणियों को लेकर प्रतिवेदन मिलते रहते हैं। इनमें कहा जाता है कि यह उद्योग की गतिविधियां हैं या आरबीआई से इस बारे में स्पष्टीकरण आना बाकी है। कभी-कभी परिपत्रों की गलत या अपनी समझ के साथ व्याख्याएं की जाती हैं।’’

उन्होंने कहा कि सही काम करने में विफल रहने के लिए यह बहाना है जिसे स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है। एआरसी निदेशक मंडलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे नियमों का सही तरीके से पालन करें और नियामक को उन्हें इस बारे में बताने की जरूरत नहीं पड़े।

स्वामीनाथन ने कहा कि व्यवस्था के भीतर दबाव वाली संपत्तियों के समाधान के लिए एआरसी की क्षमता का केवल तभी बेहतर उपयोग हो सकता है जब संचालन व्यवस्था मजबूत हो और गतिविधियों के स्तर पर नीतियों का पालन हो।

उन्होंने कहा कि कुछ एआरसी, कानून और नियमों के तहत उन्हें दिए गए अधिकार का पूरा लाभ उठाते हुए नियमों को अनदेखी कर लेनदेन को व्यवस्थित करने के लिए नये तरीकों का उपयोग करते पाये गये हैं।

डिप्टी गवर्नर ने कहा, ‘‘कार्यस्थल पर जांच के दौरान हमने ऐसे उदाहरण देखे हैं जहां एआरसी का इस्तेमाल किया गया है या उन्होंने खुद को इस्तेमाल करने की अनुमति दी…।’’

उन्होंने कहा कि कई मामलों में ‘सिक्योरिटी रिसीट’ (एसआर) जारी करने और निश्चित अवधि पर होने वाले मूल्यांकन में पारदर्शिता की कमी है।

स्वामीनाथन ने कहा कि निदेशक मंडलों को जोखिम प्रबंधन, अनुपालन और आंतरिक ऑडिट जैसे कार्यों को उचित महत्व देना चाहिए। ये कार्य जोखिमों की पहचान करने और उन्हें कम करने, नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ संगठन की प्रतिष्ठा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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