EPFO Latest News: दिवाली से पहले प्राइवेट कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी! PF के नियमों में किए बदलाव, 7 करोड़ खाताधारकों को मिलेगा लाभ

EPFO Latest News: शिक्षा और विवाह के लिए निकासी सीमा को बढ़ाकर क्रमशः 10 गुना और 5 गुना कर दिया गया है। (पहले कुल मिलाकर केवल 3 बार आंशिक निकासी की अनुमति थी।) सभी प्रकार की आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि अब सिर्फ 12 महीने कर दी गई है।

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  • Publish Date - October 13, 2025 / 08:13 PM IST,
    Updated On - October 13, 2025 / 08:16 PM IST

EPFO new rules for first job

HIGHLIGHTS
  • अब 100% तक की आंशिक निकासी संभव
  • निकासी सीमा और सेवा अवधि में भी राहत
  • 25% न्यूनतम बैलेंस नियम लागू
  • निकासी प्रक्रिया और दस्तावेजीकरण में सुधार

EPFO Latest News: दिवाली से पहले प्राइवेट कर्मचारियों को लेकर एक बड़ी खुशखबरी सामने आयी है। दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने सोमवार को अपनी बैठक में कई ऐतिहासिक और सदस्यों के हित में निर्णय लिए। देश के श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में यह बैठक हुई थी। जिसमें EPF आंशिक निकासी के नियमों में ढील, ‘विश्वास स्कीम’ की शुरुआत और डिजिटल रूपांतरण (EPFO 3.0) जैसे कई अहम फैसले लिए गए। इन निर्णयों से EPFO के 7 करोड़ से अधिक खाताधारकों को फायदा मिलेगा।

अब 100% तक की आंशिक निकासी संभव

EPFO बोर्ड ने भविष्य निधि (EPF) से आंशिक निकासी के प्रावधानों को सरल और उदार बना दिया है। अब सदस्य अपने खाते में जमा राशि (कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का अंशदान) में से 100% तक की निकासी कर सकेंगे। पहले आंशिक निकासी के लिए 13 अलग-अलग जटिल प्रावधान थे, जिन्हें अब इंटीग्रेट कर इन्हे तीन मुख्य कैटेगरीज में बांट दिया गया है।

1. आवश्यक जरूरतें: बीमारी, शिक्षा, विवाह आदि,
2. आवास संबंधी जरूरतें
3. विशेष परिस्थितियां।

इसका मतलब है कि अब ईपीएफओ मेंबर को किसी विशेष परिस्थिति (जैसे प्राकृतिक आपदा, लॉकआउट, महामारी आदि) के तहत निकासी के लिए कोई कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी।

निकासी सीमा और सेवा अवधि में भी राहत

इसके साथ ही शिक्षा और विवाह के लिए निकासी सीमा को बढ़ाकर क्रमशः 10 गुना और 5 गुना कर दिया गया है। (पहले कुल मिलाकर केवल 3 बार आंशिक निकासी की अनुमति थी।) सभी प्रकार की आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि अब सिर्फ 12 महीने कर दी गई है।

25% न्यूनतम बैलेंस नियम लागू

EPFO ने एक नया प्रावधान जोड़ा है, जिसके तहत सदस्यों को अपने खाते में कुल योगदान का कम से कम 25% बैलेंस बनाए रखना होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सदस्य उच्च ब्याज दर (वर्तमान में 8.25%) और कंपाउंडिंग के लाभ का आनंद लेते हुए सेवानिवृत्ति के लिए पर्याप्त राशि इकट्ठा कर सकें।

निकासी प्रक्रिया और दस्तावेजीकरण में सुधार

नए नियमों के तहत आंशिक निकासी की प्रक्रिया को पूरी तरह स्वचालित बनाया जाएगा। अब सदस्यों को कोई दस्तावेज़ जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी और दावे तेजी से ऑनलाइन निपटाए जा सकेंगे। साथ ही, अंतिम निपटान के लिए अवधि को भी बदला गया है:

– EPF की अंतिम निकासी: 2 महीने से बढ़ाकर 12 महीने

– पेंशन की अंतिम निकासी: 2 महीने से बढ़ाकर 36 महीने

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क्या अब EPF खाते से 100% तक आंशिक निकासी की जा सकती है?

हाँ। EPFO ने आंशिक निकासी के पुराने 13 जटिल नियमों को हटाकर अब इसे 3 कैटेगरीज में बांटा है: आवश्यक जरूरतें (जैसे बीमारी, शिक्षा, विवाह) आवास संबंधी जरूरतें विशेष परिस्थितियां (जैसे महामारी, लॉकडाउन आदि) अब इन परिस्थितियों में कर्मचारी और नियोक्ता के योगदान सहित 100% तक निकासी की अनुमति है।

शिक्षा और विवाह के लिए निकासी की क्या नई सीमा है?

शिक्षा के लिए निकासी सीमा अब 10 गुना कर दी गई है। विवाह के लिए निकासी सीमा अब 5 गुना कर दी गई है। पहले इन दोनों मदों में सीमित और संयुक्त निकासी की अनुमति थी। अब यह अधिक लचीला बना दिया गया है।

क्या आंशिक निकासी के लिए अब दस्तावेज़ जमा करने की ज़रूरत है?

नहीं। नई प्रणाली के तहत निकासी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑटोमेटेड (स्वचालित) होगी। किसी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी और दावा तेज़ी से ऑनलाइन निपटाया जाएगा।

क्या अब अंतिम निकासी की अवधि भी बदल गई है?

हाँ। EPFO ने अंतिम निपटान की समयसीमा बढ़ाई है: EPF (भविष्य निधि) की अंतिम निकासी: पहले 2 महीने → अब 12 महीने की अवधि में निकाला जा सकता है। पेंशन की अंतिम निकासी: पहले 2 महीने → अब 36 महीने (3 साल) तक की अवधि दी गई है।

क्या कोई नई शर्त भी जोड़ी गई है बैलेंस बनाए रखने के लिए?

हाँ। अब खाताधारक को अपने EPF खाते में कुल योगदान का कम से कम 25% बैलेंस बनाए रखना होगा। इसका उद्देश्य यह है कि लोग: रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त बचत कर सकें EPF की 8.25% ब्याज दर और कंपाउंडिंग का पूरा लाभ ले सकें