पश्चिम बंगाल की प्रसिद्ध मिठाई ‘जयनगर के मोया’ के निर्यात में देरी

पश्चिम बंगाल की प्रसिद्ध मिठाई ‘जयनगर के मोया’ के निर्यात में देरी

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  • Publish Date - November 29, 2020 / 01:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

कोलकाता, 29 नवंबर (भाषा) बंगाल की सर्दियों की प्रसिद्ध मिठाई ‘जयनगर के मोया’ का निर्यात अब तक नहीं हो सका है। इसकी वजह मोया की आधुनिक पैकेजिंग को लेकर स्थापित की जा रही बुनियादी सुविधा में देरी होना है।

जयनगर के मोया को भौगोलिक पहचान मिली है। इसका उत्पादन पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर-1 और जयनगर-11 ब्लॉक में होता है। इसे खजूर के गुड़ और एक विशेष प्रकार के लाई ‘कानकाचुर खोई’ से तैयार किया जाता है।

बंगाल खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि आधुनिक पैकेजिंग सुविधा की परियोजना का निर्माण 18 महीने से अधिक देरी से चल रहा है।

सर्दियों की प्रसिद्ध मिठाई होने के बावजूद जयनगर मोया को राज्य के दूसरे हिस्सों या अन्य राज्यों में नहीं भेजा जा सकता, क्योंकि बनने के बाद यह सिर्फ पांच दिन तक ही सही रह सकती है। हालांकि आधुनिक पैकेजिंग मशीनों से इसे कम से कम 25 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है। इससे अलग-अलग स्थानों पर भेजने में मदद मिलेगी।

आधुनिक पैकेजिंग मशीनरी परियोजना लगाने का निर्णय अलपन बंधोपाध्याय ने शुरू करवाया था। वह वर्तमान में मुख्य सचिव हैं। उस समय वह सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग सचिव थे।

इस परियोजना का खाका पैकेजिंग संस्थान से तकनीकी परामर्श के बाद तैयार किया गया था।

बंधोपाध्याय ने कहा कि राज्य बोर्ड ने इसके लिए 1.41 करोड़ रुपये का ऑर्डर काफी पहले दिया था। परियोजना में 18 महीने से अधिक की देरी हो चुकी है।

भाषा शरद सुमन

सुमन