निर्यातकों की उसना चावल पर निश्चित 80 डॉलर प्रति टन का निर्यात शुल्क लगाने की मांग

निर्यातकों की उसना चावल पर निश्चित 80 डॉलर प्रति टन का निर्यात शुल्क लगाने की मांग

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  • Publish Date - October 15, 2023 / 03:17 PM IST,
    Updated On - October 15, 2023 / 03:17 PM IST

कोलकाता, 15 अक्टूबर (भाषा) चावल निर्यातकों ने व्यापार को सुचारू बनाने के लिए केंद्र से उसना चावल के लिए मौजूदा 20 प्रतिशत शुल्क के बजाय एक निश्चित 80 डॉलर प्रति टन का निर्यात शुल्क लगाने का अनुरोध किया है। चावल निर्यातकों के शीर्ष निकाय के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

भारतीय चावल निर्यातक संघ (आईआरईएफ) ने सरकार से सफेद चावल पर जुलाई में लगाए गए निर्यात प्रतिबंध पर पुनर्विचार करने और निर्यात मात्रा और किसानों दोनों पर नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिए बासमती चावल के न्यूनतम निर्यात मूल्य को घटाकर 850 डॉलर प्रति टन करने का भी आग्रह किया है।

सरकार ने शुक्रवार को उसना चावल के निर्यात पर 20 प्रतिशत शुल्क अगले साल 24 मार्च तक बढ़ा दिया था।

आईआरईएफ के अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने पीटीआई-भाषा को बताया, “हम सरकार से 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क के स्थान पर 80 डॉलर प्रति टन का निश्चित निर्यात शुल्क लगाने का अनुरोध करते हैं। इससे चावल व्यापार में अस्पष्टता और बिलिंग संबंधी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।”

उन्होंने कहा कि संघ सफेद चावल पर लगे प्रतिबंध पर पुनर्विचार के लिए सरकार से बातचीत चाहता है।

आईआरईएफ को यह भी उम्मीद है कि सरकार बासमती चावल के लिए एक अधिसूचना जारी करेगी जिसमें वर्तमान दर 1,200 डॉलर प्रति टन के बजाय 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य प्रस्तावित किया जाएगा।

भारत से वार्षिक गैर-बासमती चावल निर्यात मूल्य 50,000 करोड़ रुपये से अधिक है।

भाषा अनुराग अजय

अजय