एफएआईएफए की वित्त मंत्री से अपील, तंबाकू को किसी भी अन्य कृषि उत्पाद की तरह माना जाए

एफएआईएफए की वित्त मंत्री से अपील, तंबाकू को किसी भी अन्य कृषि उत्पाद की तरह माना जाए

एफएआईएफए की वित्त मंत्री से अपील, तंबाकू को किसी भी अन्य कृषि उत्पाद की तरह माना जाए
Modified Date: January 4, 2023 / 09:12 pm IST
Published Date: January 4, 2023 9:12 pm IST

नयी दिल्ली, चार जनवरी (भाषा) तंबाकू की फसल को किसी भी अन्य कृषि उत्पाद की तरह माना जाना चाहिए और भारत में कानूनी रूप से निर्मित तंबाकू उत्पादों पर कर बोझ इसके उत्पादकों पर बुरा प्रभाव डाल रहा है। अखिल भारतीय किसान संघों के महासंघ (एफएआईएफए) ने बुधवार को यह बात कही।

अपनी बजट-पूर्व मांग में एफएआईएफए ने तंबाकू क्षेत्र के लिए निर्यातित उत्पादों पर लगाये गये कर के रिफंड (आरओडीटीईपी) लाभ का विस्तार किये जाने की भी मांग की। यह संगठन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात में वाणिज्यिक फसलों के किसानों और कृषि श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करता है।

एफएआईएफए के अध्यक्ष जावरे गौड़ा ने बयान में कहा, ‘‘हम नीति-निर्माताओं से आगामी केंद्रीय बजट में उचित और निष्पक्ष होने का आग्रह करते हैं और वे कोई ऐसा कोई कदम न उठायें जो तंबाकू किसानों की आजीविका पर गंभीर परिणामों के साथ कानूनी रूप से चलने वाले घरेलू उद्योग को प्रभावित करता हो।’’

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एफएआईएफए ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग की है कि ‘‘तंबाकू की फसल को किसी भी अन्य कृषि उत्पाद की तरह लें और भारत में कानूनी रूप से निर्मित उत्पादों पर करों का अतिरिक्त बोझ न डालें क्योंकि इससे तंबाकू किसानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।’’

इसमें कहा गया है कि बढ़ते मनमाने करों की वजह से भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा अवैध सिगरेट बाजार बन गया है।

एफएआईएफए ने यह भी कहा कि उत्पादक, ‘तंबाकू क्षेत्र के लिए आरओ-डीटीईपी के तहत मिलने वाले लाभ का विस्तार’ चाहते हैं।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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