भारत में अगली पीढ़ी को रचनात्मक आजादी मिलने से पारिवारिक व्यवसाय सदियों से जीवित: गोयनका
भारत में अगली पीढ़ी को रचनात्मक आजादी मिलने से पारिवारिक व्यवसाय सदियों से जीवित: गोयनका
मुंबई, 21 फरवरी (भाषा) आरपी संजीव गोयनका समूह के वाइस चेयरमैन शाश्वत गोयनका ने शुक्रवार को कहा कि भारत में अगली पीढ़ियों को रचनात्मक आजादी मिलने के कारण पारिवारिक व्यवसाय सदियों से जीवित है।
गोयनका ने एबीपी नेटवर्क के ‘आइडियाज ऑफ इंडिया 2025’ शिखर सम्मेलन में कहा कि कार्य-जीवन संतुलन के साथ ही यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि ऐसे समय भी आते हैं, जब किसी को अधिक काम करने की जरूरत होती है।
लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एस एन सुब्रह्मण्यन ने पिछले महीने कहा था कि वह चाहते हैं कि उनके कर्मचारी रविवार को भी काम करें, जिसके कारण सोशल मीडिया पर उनकी व्यापक आलोचना हुई।
शिखर सम्मेलन में ‘अगली पीढ़ी व्यवसायों को बेहतर बना रही है?’ सत्र में गोयनका ने कहा, ”आमतौर पर कहा जाता है कि पहली पीढ़ी निर्माण शुरू करती है, दूसरी पीढ़ी निर्माण को पूरा करती है और तीसरी पीढ़ी विनाश करती है। लेकिन, भारत में खासतौर से बहुत से पारिवारिक व्यवसाय सदियों से बने हुए हैं और उन्होंने तीसरी पीढ़ी से आगे भी व्यवसाय को जीवित रखा है। इसका कारण यह है कि वे अगली पीढ़ी को अपनी क्षमता के अनुसार सृजन करने और उसे बढ़ाने की आजादी देते हैं।”
कोलकाता मुख्यालय वाले आर पी संजीव गोयनका समूह की उपस्थिति बिजली, रसायन, उपभोक्ता और खुदरा व्यवसाय, मीडिया और मनोरंजन, खेल, शिक्षा और बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों में है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण

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