नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि देश में 2020- 21 के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रवाह 19 प्रतिशत बढ़कर 59.64 अरब डालर पर पहुंच गया। इसमें सरकार द्वारा किये गये नीतिगत सुधारों, निवेश सुविधा और व्यापार सुगमता की दिशा में किए गए प्रयासों का विशेष योगदान रहा।
इसी प्रकार देश में इक्विटी निवेश, पूंजी और कमाई का फिर से किये गये निवेश सहित कुल एफडीआई 2020-21 के दौरान 10 प्रतिशत बढ़कर 81.72 अरब अमरीकी डालर के अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया, जो 2019-20 में 74.39 अरब अमरीकी डालर रहा था।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘एफडीआई इक्विटी प्रवाह 2020-21 में 19 प्रतिशत बढ़ा (59.64 अरब डॉलर), जबकि 2019-20 में यह 20 प्रतिशत बढ़ा (49.98 अरब डॉलर) था।’’
बयान के मुताबिक एफडीआई प्रवाह में सबसे अधिक 29 फीसदी हिस्सेदारी के साथ सिंगापुर शीर्ष पर रहा है। इसके बाद अमेरिका (23 फीसदी) और मॉरीशस (9 फीसदी) का स्थान रहा।
बयान में आगे कहा गया कि एफडीआई नीति में सुधार, निवेश सुगमता और कारोबार में सुविधा के मोर्चे पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से देश में एफडीआई प्रवाह बढ़ा है।
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र की कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में लगभग 44 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। इसके बाद क्रमशः निर्माण (बुनियादी ढांचा) गतिविधियों (13 प्रतिशत) और सेवा क्षेत्र (8 प्रतिशत) का स्थान रहा।
राज्यों के लिहाज से 2020-21 के दौरान कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 37 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ गुजरात शीर्ष पर रहा, जबकि इसके बाद महाराष्ट्र (27 प्रतिशत) और कर्नाटक (13 प्रतिशत) का स्थान रहा।
भाषा
पाण्डेय महाबीर
महाबीर
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इंडो-जैपनीज एसएमई एसोसिएशन के गठन पर विचार जारी
2 hours agoएक्सिस बैंक के निदेशक मंडल ने एमडी के रूप में…
2 hours ago