वित्तीय खुफिया इकाई का अदालत में दावा, धनशोधन गतिविधियों के लिए पेपाल का दुरुपयोग

वित्तीय खुफिया इकाई का अदालत में दावा, धनशोधन गतिविधियों के लिए पेपाल का दुरुपयोग

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  • Publish Date - October 21, 2021 / 05:29 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि धनशोधन गतिविधियों के लिए अमेरिकी ऑनलाइन भुगतान गेटवे पेपाल का दुरुपयोग किया है और उसने सीलबंद लिफाफे में कुछ दस्तावेज पेश करने की इजाजत मांगी।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने हालांकि कहा कि सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति मांगने वाला आवेदन रिकॉर्ड में नहीं है और उन्होंने मामले को अगले साल 11 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

अदालत धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के कथित उल्लंघन के लिए पेपाल पर एफआईयू द्वारा लगाए गए 96 लाख रुपये के जुर्माने को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

एफआईयू ने 17 दिसंबर 2020 को कंपनी को 45 दिनों के भीतर जुर्माना देने और एफआईयू में रिपोर्टिंग इकाई के रूप में पंजीकरण कराने का आदेश दिया था। कानून के मुताबिक रिपोर्टिंग इकाई के लिए विदेशी मुद्रा में वित्तीय लेनदेन के बारे में अधिकारियों को बताना जरूरी है।

अदालत ने 12 जनवरी को एफआईयू के इस आदेश पर रोक लगा दी थ। हालांकि इस दौरान कंपनी को एक सुरक्षित सर्वर पर सभी लेनदेन का रिकॉर्ड रखना था और दो सप्ताह के भीतर उच्च न्यायालय में 96 लाख रुपये की बैंक गारंटी जमा करनी थी।

इसके बाद पेपाल ने उच्च न्यायालय में बैंक गारंटी जमा कर दी।

अपने ताजा आदेश में अदालत ने कहा कि 12 जनवरी का अंतरिम आदेश जारी रहेगा।

पेपाल के वकील साजन पूवैया ने सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज दाखिल करने के आवेदन का विरोध किया और कहा कि कंपनी सिर्फ एक मध्यस्थ है।

अदालत ने कहा कि उसे विचार करना होगा कि क्या कोई बेहद गंभीर बात है, और ऐसी स्थिति में वह दस्तावेज दाखिल करने की अनुमति देगा अन्यथा नहीं।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण