शैक्षणिक संस्थानों के लिए हरित बॉन्ड में वैश्विक निवेश 15 अरब डॉलर पर: अध्ययन

शैक्षणिक संस्थानों के लिए हरित बॉन्ड में वैश्विक निवेश 15 अरब डॉलर पर: अध्ययन

शैक्षणिक संस्थानों के लिए हरित बॉन्ड में वैश्विक निवेश 15 अरब डॉलर पर: अध्ययन
Modified Date: April 16, 2025 / 07:43 pm IST
Published Date: April 16, 2025 7:43 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) शैक्षणिक संस्थानों के लिए हरित बॉन्ड में वैश्विक निवेश 15 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। एक अध्ययन में यह कहा गया है।

शिक्षा कंपनी एमएसएम यूनिफाई के इस अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि हरित पहल शिक्षा में पर्यावरण अनुकूल उपायों को आगे बढ़ाने के लिए संस्थागत बदलाव ला रही है।

इसमें कहा गया है कि पर्यावरण अनुकूल उपाय शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक प्राथमिकता बन गए हैं, जो हरित उपाय, परिसर संचालन, पाठ्यक्रम विकास और अनुसंधान एजेंडा को नया स्वरूप देने में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं।

 ⁠

अध्ययन के मुताबिक, संस्थान व्यापक पर्यावरण अनुकूल ढांचे को लागू कर रहे हैं। इसमें हरित-प्रमाणित अवसंरचना, नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाना, संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाली अर्थव्यवस्था पहल और शुद्ध रूप से कार्बन उत्सर्जन को शून्य स्तर पर लाना शामिल हैं। उदाहरण के लिए, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने 2025 तक शुद्ध रूप से शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।

एमएसएम समूह के संस्थापक संजय लाल ने बयान में कहा, ‘‘शैक्षणिक संस्थानों के लिए हरित बॉन्ड में वैश्विक निवेश 15 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इसका कारण विश्वविद्यालय पर्यावरण अनुकूल ढांचागत परियोजनाओं को वित्तपोषित करने के लिए हरित बॉन्ड के माध्यम से धन जुटा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि इसका असर पर्यावरण से जुड़े शोध पर देखने को मिला है। पिछले वर्ष की तुलना में 2024 में अनुदान में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। नवीकरणीय ऊर्जा कंपनियों के साथ साझेदारी शिक्षा परिसरों को कोयला जैसे जीवाश्म ईंधन से छुटकारा पाने में मदद कर रही है।

अध्ययन के अनुसार, पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों को अपनाने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि ऐसे संस्थानों को हरित पहल के मामले में दुनिया में अगुवा के रूप में देखा जा रहा है, जो पर्यावरण के प्रति जागरूक छात्रों और शिक्षकों को आकर्षित कर रहे हैं।

लाल ने कहा कि इसके अलावा, हरित पहल विश्वविद्यालय के परिवेश के भीतर और बाहर नये रोजगार के अवसर पैदा कर रही है। इससे हरित अर्थव्यवस्था में वृद्धि को गति मिल रही है।

भाषा रमण अजय

अजय


लेखक के बारे में