सरकार का तिलहन खेती के तहत 6.37 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त रकबा लाने का लक्ष्य

सरकार का तिलहन खेती के तहत 6.37 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त रकबा लाने का लक्ष्य

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  • Publish Date - May 20, 2021 / 04:39 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

नयी दिल्ली, 20 मई (भाषा) केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने, इस वर्ष जुलाई से शुरू होने वाले आगामी खरीफ (गर्मी) मौसम में तिलहन के तहत 6.37 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त रकबा लाने के लिए एक बहुस्तरीय रणनीति तैयार की है।

इसके अलावा, सरकार ने वर्ष 2021-22 के खरीफ सत्र में किसानों को तिलहन, विशेष रूप से सोयाबीन और मूंगफली की अधिक उपज देने वाली बीज वितरित करने का निर्णय लिया है।

पिछले साल खरीफ सत्र के दौरान 208.2 लाख हेक्टेयर और रबी (सर्दियों) सत्र में 80 लाख हेक्टेयर में तिलहन बोया गया था।

एक बयान में, कृषि मंत्रालय ने कहा कि उसने तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक ‘बहुस्तरीय रणनीति’ तैयार की है।

इसमें कहा गया है, ‘‘भारत सरकार ने वर्ष 2021 के खरीफ सत्र के लिए किसानों को एक मिनी किट के रूप में अधिक उपज देने वाले बीजों का मुफ्त वितरण करने की एक महत्वाकांक्षी योजना को मंजूरी दी है।’’

विशेष खरीफ कार्यक्रम तिलहन के तहत 6.37 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को लाने की संभावना है। इससे 120.26 लाख क्विंटल तिलहन और 24.36 लाख क्विंटल खाद्य तेल का उत्पादन होने की संभावना है।

मंत्रालय ने कहा कि राज्य सरकारों के साथ विचार-विमर्श के बाद, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन और पामतेल) के तहत किसानों को मुफ्त में सोयाबीन और मूंगफली बीज के दाने वितरित करने की योजना तैयार की गई है।

मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के 41 जिलों में अंतर-फसल के लिए 76.03 करोड़ रुपये की लागत से सोयाबीन के बीज वितरित किए जाएंगे। यह 1.47 लाख हेक्टेयर रकबे को अपने दायरे में लेगा।

इसके अलावा, 104 करोड़ रुपये की लागत के साथ सोयाबीन के बीज आठ राज्यों ( मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और गुजरात) के अधिक संभावना वाले 73 जिलों में वितरित किए जाएंगे। इन राज्यों में 3,90,000 हेक्टेयर का रकबा शामिल होगा।

मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार के 90 जिलों में लगभग 8.16 लाख बीज के मिनी-किट वितरित किए जाएंगे। यहां खेती का रकबा 10.06 लाख हेक्टेयर होगा।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘वितरित किए जाने वाले सोयाबीन के बीज में प्रति हेक्टेयर कम से कम 20 क्विंटल की उपज होगी।’’

मूंगफली के मामले में, मंत्रालय ने कहा कि गुजरात, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में लगभग 74,000 मूंगफली के बीज वाले मिनी किट वितरित किए जाएंगे।

तिलहन और पामतेल पर राष्ट्रीय मिशन के माध्यम से सरकार का उद्देश्य खाद्य तेलों की उपलब्धता को बढ़ाना और उनके आयात को कम करना है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण