नयी दिल्ली, पांच अक्टूबर (भाषा) सरकार ने कैप्टिव (खुद के इस्तेमाल) खानों से कोयले की 50 प्रतिशत बिक्री के लिए मंगलवार को नियमों में संशोधन किया।
इस कदम से 50 करोड़ टन सालाना व्यस्त समय की क्षमता वाले 100 से अधिक कैप्टिव और लिग्नाइट ब्लॉकों को फायदा होगा। साथ ही इस कदम से सभी कोयला और लिग्नाइट खानों वाले राज्यों को भी लाभ होगा।
कोयला मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘ मंत्रालय ने खनिज रियायत नियम, 1960 में संशोधन किया है। इसके तहत कोयला और लिग्नाइट के कैप्टिव ब्लॉकों से किसी एक वित्त वर्ष में कुल उत्पादन पर 50 प्रतिशत को बेचा जा सकता है। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त राशि का भुगतान करना होगा। हालांकि, ऐसा करने से पहले संबद्ध कैप्टिव ब्लॉक मालिकों को उस खान से जुड़े संयंत्र की जरूरत को पूरा करना होगा।’’
इससे पहले इसी साल खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) संशोधन अधिनियम में संशोधन किया गया था। यह व्यवस्था सार्वजनिक और निजी खानों दोनों के लिए होगी।
इस फैसले के बाद सरकार बाजार में अतिरिक्त कोयला उपलब्ध करा पाएगी। साथ ही कैप्टिव और लिग्नाइट खानों की खनन क्षमता का बेहतर उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा। अतिरिक्त कोयला उपलब्ध होने से बिजली संयंत्रों का दबाव कम होगा।
इसके साथ ही कोयले और लिग्नाइट की बिक्री पर अतिरिक्त प्रीमियम राशि, रॉयल्टी और अन्य सांविधिक भुगतान बढ़ेगा, जिससे राज्यों के राजस्व में वृद्धि होगी।
भाषा अजय अजय रमण
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