सरकार ने 53 बागवानी शंकुलों को विकसित करने का कार्यक्रम शुरु किया

सरकार ने 53 बागवानी शंकुलों को विकसित करने का कार्यक्रम शुरु किया

सरकार ने 53 बागवानी शंकुलों को विकसित करने का कार्यक्रम शुरु किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 pm IST
Published Date: May 31, 2021 3:45 pm IST

नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को 53 बागवानी समूहों के एकीकृत और बाजार निर्देशित विकास के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया। इससे 10 लाख किसानों की मदद हो सकती और 10,000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया जा सकता है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मंत्री ने एक आभासी कार्यक्रम में बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी) का शुभारंभ किया।

तोमर ने कहा कि इस कार्यक्रम से भारतीय बागवानी क्षेत्र से संबंधित सभी प्रमुख मुद्दों का समाधान हो सकेगा। इसमें पूर्व-उत्पादन स्थिति, उत्पादन, कटाई बाद के प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स, विपणन और ब्रांडिंग जैसे मुद्दे शामिल हैं।

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उन्होंने कहा कि कार्यक्रम को भौगोलिक विशेषज्ञता का लाभ उठाने और बागवानी शंकुलों (क्लस्टर) के एकीकृत एवं बाजार नीत विकास को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

मंत्रालय ने 53 बागवानी समूहों की पहचान की है, जिनमें से 12 का चयन प्रायोगिक आधार पर किया गया है।

‘किसानों की आय दोगुनी’ करने को सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक बताते हुए तोमर ने कहा कि सीडीपी से लगभग 10 लाख किसानों और मूल्य श्रृंखला के संबंधित अंशधारकों को लाभ होगा।

इस कार्यक्रम के साथ, सरकार का लक्ष्य चुनिंदा फसलों के निर्यात में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि करना है।

बयान में कहा गया है, ‘सभी 53 क्लस्टर में लागू किये जाने पर सीडीपी से 10,000 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश को आकर्षित करने की उम्मीद है।’

प्रायोगिक चरण के क्लस्टरों में सेब के लिए शोपियां (जम्मू-कश्मीर) और किन्नौर (हिमाचल प्रदेश) शामिल हैं।

इसके तहत आम के लिए लखनऊ (उत्तर प्रदेश), कच्छ (गुजरात) और महबूबनगर (तेलंगाना); केले के लिए अनंतपुर (आंध्र) और थेनी (तमिलनाडु), अंगूर के लिए नासिक (महाराष्ट्र); अनानास के लिए सिपाहीजला (त्रिपुरा); अनार के लिए सोलापुर (महाराष्ट्र) और चित्रदुर्ग (कर्नाटक) तथा हल्दी के लिए पश्चिम जयंतिया हिल्स (मेघालय) शामिल हैं।

अपने संबोधन में, कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा, ‘पूरे देश में ऐसे क्लस्टर विकसित करने की आवश्यकता है जो एफपीओ के गठन के माध्यम से छोटी जोत भूमि वाले किसानों की मदद करेंगे।’

कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने चयनित शंकुलों (क्लस्टर) में क्लस्टर विकास एजेंसियों (सीडीए) की नियुक्ति की घोषणा की।

भाषा राजेश राजेश मनोहर

मनोहर


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