नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बुधवार को कहा कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन अभी तक कोई बैठक तय नहीं हुई है।
मुंडा ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) सोसायटी की 95वीं वार्षिक आम बैठक में यह भी कहा कि इस संबंध में जल्द समाधान खोजने की जरूरत है।
किसान समूहों के साथ अगले दौर की वार्ता की योजना के बारे में पूछने पर मुंडा ने कहा, ”अभी कुछ नहीं है।”
उन्होंने हालांकि कहा कि समाधान निकालने की जरूरत है और इसलिए बातचीत की जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं।
इससे पहले, मुंडा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किसान समुदाय के कल्याण के लिए जलवायु परिवर्तन और मिट्टी के कटाव की चुनौतियों से निपटने पर जोर दिया।
मंत्री ने कहा कि सरकार अब देश की पोषण सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
मुंडा ने यह भी कहा कि आईसीएआर ने पिछले 10 वर्षों में अधिक उपज देने वाली 2,279 किस्मों के बीज तैयार किए हैं, जबकि संप्रग सरकार के दौरान 1,225 किस्में तैयार की गईं थीं।
इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि आज भारत दूध और दालों का दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक है। चावल, गेहूं, सब्जियों, फलों और मछली के उत्पादन में देश दूसरे स्थान पर है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
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