सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र के लिये 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी

सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र के लिये 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी

सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र के लिये 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: February 17, 2021 1:28 pm IST

नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दूरसंचार उपकरण निर्माण के लिये 12,195 करोड़ रुपये की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को इसकी जानकारी दी।

उम्मीद है कि यह कदम 5जी की शुरुआत से पहले देश को ऐसे दूरसंचार उपकरणों के विनिर्माण का एक मजबूत केंद्र बनाने में मदद करेगा। दूरसंचार उपकरणों के लिये पीएलआई योजना एक अप्रैल 2021 से प्रभावी होगी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इससे अगले पांच साल में करीब 2.4 लाख करोड़ रुपये का और अधिक उत्पादन होगा और करीब दो लाख करोड़ रुपये का निर्यात होगा। इस योजना से देश में तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित होने का अनुमान है। यह देश में रोजगार के प्रत्यक्ष व परोक्ष अवसरों के सृजन के साथ ही कर के स्रोतों का भी सृजन करेगा।

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मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार विनिर्माण के लिये भारत को विनिर्माण उद्योगों का एक मजबूत गढ़ बनाने की दिशा में प्रयास कर रही है। कारेाबार में आसानी के लिये सरकार ने अनुकूल वातावरण बनाया है। मंत्री प्रसाद ने कहा कि जल्द ही सरकार लैपटॉप और टैबलेट पीसी के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिये पीएलआई योजना लायेगी।

आधिकारिक बयान के अनुसार दूरसंचार उपकरण निर्माण के लिये उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से अगले पांच वर्षों में देश में 2,44,200 करोड़ रुपये के दूरसंचार उपकरणों का उत्पादन होगा।

बयान में कहा गया कि इस योजना से 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के दूरसंचार उपकरणों के आयात की जरूरत समाप्त होगी। नयी योजना के लिए तहत अगले पांच साल के लिये 12,195 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस योजना के लाभ के लिए निवेश और बक्री समंबधी शर्तो को पूरा करना होगा।

विभिन्न श्रेणियों व वर्षों में चार से सात प्रतिशत तक प्रोत्साहन देने की योजना है। इसके लिये 2019-20 को आधार वर्ष माना जायेगा। न्यूनतम निवेश की सीमा एमएसएमई के लिये 10 करोड़ रुपये और अन्य के लिये 100 करोड़ रुपये है।

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर


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