नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर (भाषा) एक सरकारी समिति ने अदाणी समूह और सार्वजनिक क्षेत्र की एनटीपीसी सहित सभी पारेषण इकाइयों को उचित रखरखाव करने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि 2025 की जनवरी-जून अवधि के बीच 75 अतिरिक्त उच्च वोल्टेज (ईएचवी) पारेषण लाइन टावर विफल हो गए थे।
समिति की बैठक के विवरण के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण देश के कुछ हिस्सों में हवा की तीव्रता में बदलाव को ईएचवी ट्रांसमिशन लाइन टावर की विफलता के प्रमुख कारणों में से एक माना गया है।
जनवरी और जून, 2025 के बीच 22 पारेषण लाइन में कुल 75 ईएचवी ट्रांसमिशन लाइन टावर विफल हो गए।
केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) द्वारा गठित विशेषज्ञों की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि इन परिसंपत्तियों का स्वामित्व 12 कंपनियों के पास है। इनमें अदाणी ट्रांसमिशन, रीन्यू ट्रांसमिशन वेंचर्स, रेसोनिया लिमिटेड (पूर्व में स्टरलाइट पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड), पावरग्रिड और एनटीपीसी शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, पारेषण इकाइयों ने इन टावर की विफलता का मुख्य कारण उच्च-तीव्रता वाली हवा को बताया है।
ईएचवी लाइन टावर की विफलता के अन्य कारणों में नींव, टावर संरचना को नुकसान और टावर के निचले हिस्से में आई विकृति शामिल हैं।
सीईए ने सलाह दी है कि ऐसी घटनाओं से बचने के लिए वे टावर के डिजाइन के लिए राष्ट्रीय भवन संहिता में दिए गए पवन मानचित्र का उपयोग करें।
भाषा पाण्डेय अजय
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