नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने सस्ते आयात के खिलाफ घरेलू खिलाड़ियों को संरक्षण देने के लिए चीन और दक्षिण कोरिया से आने वाली एक तरह की थर्मोप्लास्टिक सामग्री पर डंपिंग-रोधी शुल्क को पांच वर्षों के लिए बढ़ाने की अनुशंसा की है।
व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने एक अधिसूचना में कहा है कि अगर ‘क्लोरिनेटेड पॉलीविनाइल क्लोराइड’ (सीपीवीसी) पर मौजूदा शुल्क को खत्म करने की अनुमति दी जाती है, तो डंपिंग जारी रहने/ पुनरावृत्ति होने और घरेलू कंपनियों को नुकसान होने की आशंका है।
यह सिफारिश मौजूदा डंपिंग-रोधी शुल्क की समीक्षा जांच के बाद की गई है। मौजूदा शुल्क की अवधि 25 अगस्त, 2024 को समाप्त होगी।
डीजीटीआर ने कहा, ‘‘प्राधिकरण डंपिंग-रोधी शुल्क को पांच साल की अवधि के लिए जारी रखने की सिफारिश करना उचित और आवश्यक मानता है।’’
निदेशालय ने सीपीवीसी उत्पाद पर 593 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से लेकर 792 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक का शुल्क लगाने की सिफारिश की है। इस शुल्क को लगाने के बारे में अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेगा।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डंपिंग की स्थिति उस समय होती है जब कोई देश या फर्म अपने घरेलू बाजार में उस उत्पाद की कीमत से कम कीमत पर किसी वस्तु का निर्यात करता है। डंपिंग होने से आयात करने वाले देश में उस उत्पाद की कीमत प्रभावित होती है, जिससे विनिर्माण कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे पर असर पड़ता है।
वैश्विक व्यापार मानदंडों के अनुसार, किसी देश को घरेलू निर्माताओं को समान अवसर प्रदान करने के लिए ऐसे डंप किए गए उत्पादों पर शुल्क लगाने की अनुमति है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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