सरकार ने वनस्पति तेल उद्योग के नियमन के लिए मसौदा आदेश पर टिप्पणियां मांगी

सरकार ने वनस्पति तेल उद्योग के नियमन के लिए मसौदा आदेश पर टिप्पणियां मांगी

सरकार ने वनस्पति तेल उद्योग के नियमन के लिए मसौदा आदेश पर टिप्पणियां मांगी
Modified Date: July 8, 2025 / 08:12 pm IST
Published Date: July 8, 2025 8:12 pm IST

नयी दिल्ली, आठ जुलाई (भाषा) केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने अधिक आधुनिक, पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत नियामकीय प्रावधानों को पेश करके भारत में वनस्पति तेल उत्पादों को विनियमित करने के लिए एक नया आदेश तैयार किया है। इसमें हितधारक भागीदारी और उद्योग में बदलावों के अनुरूप खुद को ढलने पर अधिक जोर दिया गया है।

वनस्पति तेल उत्पाद, उत्पादन और उपलब्धता (वीओपीपीए) विनियमन आदेश 2025 का मसौदा वर्ष 2011 के आदेश को बदलने का प्रयास करता है, और मंत्रालय ने 11 जुलाई तक इस पर जनता की टिप्पणियां मांगी हैं।

वर्ष 2025 का मसौदा आदेश खाद्य तेलों के आयात, उत्पादन, स्टॉक और बिक्री की बढ़ी हुई निगरानी के साथ बेहतर पारदर्शिता और नियंत्रण के लिए डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल करने पर जोर देता है।

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पिछला आदेश उस समय उपलब्ध नियामकीय वातावरण और तकनीक पर आधारित था, जिसमें पारंपरिक उत्पादन, भंडारण और रिपोर्टिंग विधियों पर ध्यान केंद्रित किया गया था।

मसौदे का उद्देश्य पंजीकरण और निर्देशों के अनुपालन को सुव्यवस्थित करना है, संभवतः ऑनलाइन प्रणाली और एक अद्यतन रिपोर्टिंग प्रारूप पेश करना है। पहले के आदेश में समय-समय पर रिपोर्टिंग करने की आवश्यकता थी, लेकिन अनुपालन और निगरानी का काम ‘मैनुअल’ या कम तकनीकी रूप से उन्नत प्रणालियों पर निर्भर था।

मसौदा आदेश उद्योग में परिवर्तनों के अनुकूल नए उत्पाद प्रकारों और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों को शामिल करने के लिए दायरे और परिभाषाओं का विस्तार या स्पष्टीकरण करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जबकि वर्ष 2011 के आदेश में उस समय परिभाषित वनस्पति तेल उत्पादों को शामिल किया गया था।

ये संशोधन वर्तमान चुनौतियों, जैसे आयात निर्भरता, मूल्य अस्थिरता और बेहतर खाद्य सुरक्षा और उत्पत्ति स्थल की आवश्यकता को हल करने की आवश्यकता से प्रेरित है, जो वर्ष 2011 के बाद से अधिक महत्वपूर्ण हो गए हैं।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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