पीएम वाणी के जरिये सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क लगाएगी सरकार, ब्रॉडबैंड का होगा प्रसार

पीएम वाणी के जरिये सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क लगाएगी सरकार, ब्रॉडबैंड का होगा प्रसार

पीएम वाणी के जरिये सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क लगाएगी सरकार, ब्रॉडबैंड का होगा प्रसार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: December 9, 2020 2:58 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) देशभर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच के विस्तार के लिए सरकार ने पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ) के जरिये सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क की स्थापना को मंजूरी दे दी है।

कोई छोटी दुकान या साझा सेवा केंद्र (सीएससी) भी पीडीओ पीडीओ हो सकते हैं। इसके तहत स्थानीय किराना दुकानों तथा गली-मोहल्ले की दुकानों पर भी सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क या ‘एक्सेस पॉइंट’ लगाए जा सकेंगे। पीडीओ के लिए न तो लाइसेंस और न ही पंजीकरण की जरूरत होगी। साथ ही इनपर किसी तरह का शुल्क भी नहीं लगेगा।

सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम वाणी) से देश में एक बड़ी वाई-फाई क्रांति आने की उम्मीद सरकार को है।

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क की रूपरेखा को मंजूरी दे दी। इसमें कई ‘खिलाड़ी’ मसलन..पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ), पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर्स और ऐप प्रदाता शामिल रहेंगे।

संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘पीडीओ के लिए कोई

लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी, न ही इनके पंजीकरण की जरूरत होगी। इन पर कोई शुल्क लागू नहीं होगा। पीडीओ छोटी दुकानें या साझा सेवा केंद्र (सीएससी) भी हो सकते हैं।’’

पीडीओ वाई-फाई एक्सेस पॉइंट को स्थापित करेंगे और उसका रखरखाव और परिचालन करेंगे। साथ ही वे ग्राहकों तक ब्रॉडबैंड सेवाएं भी पहुंचाएंगे। पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (पीडीओए) पीडीओ के एग्रीगेटऱ (सूत्रधार) के रूप में काम करेंगे तथा मंजूरी और लेखा-जोखा रखने का कामकाज करेंगे।

ऐप प्रदाता पंजीकृत प्रयोगकर्ताओं के लिए ऐप विकसित करेंगे और नजदीकी क्षेत्रों में वाणी अनुकूल वाई-फाई हॉटस्पॉट की पहचान करेंगे और इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच के लिए इसे ऐप के अंदर प्रदर्शित करेंगे। एक केंद्रीय रजिस्ट्री ऐप प्रदाताओं, पीडीओए और पीडीओ का ब्योरा रखेगी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शुरुआत में सी-डॉट केंद्रीय रजिस्ट्री का कामकाज देखेगा।

बयान में कहा गया है कि पीडीओ के लिए किसी तरह के पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी। वहीं पीडीओए और ऐप प्रदाता ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल के जरिये दूरसंचार विभाग के पास अपना पंजीकरण करा सकेंगे। उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। आवेदन के सात दिन के भीतर उनका पंजीकरण हो जाएगा।

बयान में कहा गया है कि यह कारोबार की दृष्टि से अधिक अनुकूल होगा। यह कारोबार सुगमता के प्रयासों को भी मजबूत करेगा। ‘‘कोविड-19 महामारी के मद्देनजर देश में बड़ी संख्या में लोगों तक एक स्थिर तथा द्रुत गति की ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा पहुंचाने की जरूरत थी। इसे उन क्षेत्रों तक भी पहुंचाया जाएगा जहां 4जी नहीं है। ’’

बयान में कहा गया है कि सार्वजनिक वाई-फाई के प्रसार से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि लघु एवं मझोले उद्यमियों के हाथ में खर्च के लिए अधिक पैसा आएगा। इससे देश की आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के पूर्व चेयरमैन आर एस शर्मा ने ट्वीट किया कि वाणी परियोजना से देश में लाखओं इंटर-ऑपरेबल वाई-फाई हॉटस्पॉट लगाए जा सकेंगे। इससे देश के लाखों लोगों को उचित दर पर ब्रॉडबैंड तक पहुंच उपलब्ध होगी।

शर्मा ने कहा, ‘‘यह कनेक्टविटी का यूपीआई होगा।’’

उद्योग के शोध संगठन ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम (बीआईएफ) ने कहा कि वह जमीनी स्तर पर बिना लाइसेंस वाली इकाइयों द्वारा वाई-फाई सेवाएं देने के ‘महत्वपूर्ण उपाय’ का हमेशा समर्थन करता है। इससे देश में उल्लेखनीय रूप से ब्रॉडबैंड का प्रसार होगा और लोग ‘डिजिटल नागरिक’ बन सकेंगे।

बीआईएफ अध्यक्ष टीवी रामचंद्रन ने कहा, ‘‘इसके साथ ही इससे छोटे स्थानीय या गांवों में कारोबार करने वालों मसलन किराना दुकानदारों, चाय की दुकानों आदि के कारोबार में जबर्दस्त इजाफा होगा और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इससे सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा और समावेशन बढ़ेगा।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर


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