सरकार 255 करोड़ रुपये की मत्स्य पालन परियोजनाओं का अनावरण करेगी |

सरकार 255 करोड़ रुपये की मत्स्य पालन परियोजनाओं का अनावरण करेगी

सरकार 255 करोड़ रुपये की मत्स्य पालन परियोजनाओं का अनावरण करेगी

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Modified Date: April 26, 2025 / 04:16 PM IST
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Published Date: April 26, 2025 4:16 pm IST

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह सोमवार को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत सात तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 255.30 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

मंत्री मुंबई में 29 अप्रैल को आयोजित होने वाले तटीय राज्यों के सम्मेलन में समुद्री मत्स्य पालन को मजबूत करने और पर्यावरण अनुकूल प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रमुख योजनाओं की शुरुआत करेंगे। इनमें समुद्री मत्स्य पालन जनगणना अभियान, मछली पकड़ने के दौरान कछुओं को अलग करने के लिए उपकरण (टीईडी) लगाने की परियोजना और पोत संचार और सहायता प्रणाली के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करना शामिल है।

इस कार्यक्रम में मत्स्य पालन और पशुपालन राज्य मंत्री एस पी सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन मौजूद रहेंगे।

आधिकारिक बयान के अनुसार, उत्कृष्ट सहकारी समितियों, मत्स्य पालन किसान उत्पादक संगठनों, मत्स्य पालन स्टार्टअप और जलवायु-अनुकूल तरीके से तटीय मछली पकड़ने वाले गांवों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएमएमकेएसएसवाई) के तहत लाभार्थियों को जल बीमा प्रमाणपत्र और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) भी दिये जाएंगे।

सरकार ने पहली बार एक्वा बीमा की शुरुआत की है, जो मत्स्य किसानों को ही वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। यह ऐतिहासिक पहल मत्स्य पालन क्षेत्र में हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए लक्षित बीमा कवरेज, डिजिटल पहुंच और केंद्रित समर्थन सुनिश्चित करती है।

कार्यक्रम में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी के मत्स्य पालन मंत्री तथा राज्य सरकार के अधिकारी उपस्थित रहेंगे।

यह बैठक क्षेत्र-विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करने, तटीय पारिस्थितिकी प्रणालियों के अनुरूप आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल दृष्टिकोणों को बढ़ावा देने तथा मत्स्य पालन क्षेत्र में आजीविका के अवसरों, उत्पादकता और दीर्घकालिक आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है।

भाषा अनुराग रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)