गोयल ने बीआईएस से एमएसएमई, स्टार्टअप के लिये गुणवत्ता परीक्षण शुल्क में कमी लाने को कहा

गोयल ने बीआईएस से एमएसएमई, स्टार्टअप के लिये गुणवत्ता परीक्षण शुल्क में कमी लाने को कहा

गोयल ने बीआईएस से एमएसएमई, स्टार्टअप के लिये गुणवत्ता परीक्षण शुल्क में कमी लाने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 pm IST
Published Date: March 1, 2021 12:02 pm IST

नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई), नये स्टार्टअप और महिला उद्यमियों के लिये उनके उत्पादों की गुणवत्ता के परीक्षण की लागत कम की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे वे अपने उत्पादों को प्रमाणित कराने तथा मानकों के अनुरूप बनाये जाने के लिये प्रोत्साहित होंगे।

रेलवे और वाणिज्य मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गोयल ने डिजिटल तरीके से आयोजित भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की संचालन परिषद की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।

आधिकारिक बयान के अनुसार बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मानकीकरण को लेकर देश के रुख में बदलाव की जरूरत है।

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मंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीव्र आर्थिक वृद्धि के लिये तीन मंत्र… गति, कौशल और बड़े स्तर पर काम (स्पीड, स्किल और स्केल)…दिये हैं। अब इसमें चौथा… मानक को जोड़ने का समय है।’’

गोयल ने कहा कि मानकों के परीक्षण की लागत उल्लेखनीय रूप से कम की जानी चाहिए। यह व्यवस्था एमएसएमई क्षेत्र, स्टार्टअप के पहले कुछ साल और महिला उद्यमियों के लिये होनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि इससे वे अपने उत्पादों को प्रमाणित कराने तथा कारोबार सुगमता के लिये प्रोत्साहित होंगे।

गोयल ने बीआईएस से प्रयोगशालाओं को आधुनिक रूप देने का भी निर्देश दिया ताकि उद्यमियों को परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणन के लिये यात्रा नहीं करनी पड़े।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना है कि किसी को भी गुणवत्ता जांच के लिये प्रयोगशालाओं के अभाव में कहीं दूर नहीं जाना पड़े।’’

गोयल ने कहा कि भारत में बने उत्पाद अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने चाहिए। चाहे वह उत्पाद स्थानीय खपत के लिये हो या फिर अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिये , उनकी गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होनी चाहिए। किसी व्यक्ति या संस्थान को लाभ पहुंचाने के लिये गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

भाषा रमण महाबीर

महाबीर


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