जीएसटी में कटौती से खुदरा महंगाई अक्टूबर में घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर 0.25 प्रतिशत पर

जीएसटी में कटौती से खुदरा महंगाई अक्टूबर में घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर 0.25 प्रतिशत पर

जीएसटी में कटौती से खुदरा महंगाई अक्टूबर में घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर 0.25 प्रतिशत पर
Modified Date: November 12, 2025 / 07:14 pm IST
Published Date: November 12, 2025 7:14 pm IST

नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर में घटकर रिकॉर्ड निचले स्तर 0.25 प्रतिशत पर आ गई। सब्जी, फल, अंडा जैसे खाने के सामान के सस्ता होने के साथ आम लोगों के उपयोग वाली लगभग 380 वस्तुओं पर जीएसटी में कटौती से महंगाई दर में नरमी आई है।

अक्टूबर माह की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति वर्तमान श्रृंखला (आधार वर्ष 2012) में सबसे कम है। इसमें जनवरी, 2014 से आंकड़े शामिल हैं।

खुदरा मुद्रास्फीति सितंबर में 1.44 प्रतिशत और बीते साल अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत थी।

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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट आई और यह शून्य से नीचे 5.02 प्रतिशत रही।

एनएसओ ने कहा कि अक्टूबर, 2025 के दौरान कुल (हेडलाइन) मुद्रास्फीति और खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट मुख्य रूप से जीएसटी दर में कटौती, अनुकूल तुलनात्मक आधार प्रभाव एवं तेल व वसा, सब्जियों, फलों, अंडे, जूते, अनाज, परिवहन तथा संचार की महंगाई दर में नरमी के कारण आई है।

रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है। आरबीआई अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है।

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की घटी हुई दरें 22 सितंबर से लागू हुई हैं।

एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति घटी है और यह क्रमश: 0.25 प्रतिशत और 0.88 प्रतिशत रही।

सबसे अधिक मुद्रास्फीति केरल (8.56 प्रतिशत) में रही, उसके बाद जम्मू-कश्मीर (2.95 प्रतिशत), कर्नाटक (2.34 प्रतिशत), पंजाब (1.81 प्रतिशत) और तमिलनाडु (1.29 प्रतिशत) का स्थान रहा।

असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में मुद्रास्फीति में कमी आई है।

मुद्रास्फीति के बारे में इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खाद्य कीमतों में नरमी के साथ खपत वाली कई वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाये जाने से महंगाई में कमी आई है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) वित्त वर्ष 2025-26 के लिए अपने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अनुमान को 2.6 प्रतिशत से और कम कर सकती है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्थिति अक्टूबर, 2025 के नीति दस्तावेज के नरम रुख के साथ, दिसंबर, 2025 की मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती का समर्थन करेगी। यह स्थिति तबतक बनी रहेगी जब तक कि वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर आश्चर्यजनक रूप से ऊंची न रहे।’’

केयरएज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि सितंबर के अंत में जीएसटी दर को युक्तिसंगत बनाये जाने के साथ इसका सकारात्मक प्रभाव अक्टूबर की मुद्रास्फीति दर में कमी के रूप में दिखा है।

सिन्हा ने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति के नजरिये से, मुद्रास्फीति में नरमी आरबीआई को आर्थिक वृद्धि पर ध्यान देने के लिए ज्यादा गुंजाइश देती है। हालांकि, बाहरी चुनौतियां और अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता को लेकर अनिश्चितताएं बनी हुई हैं…।’’

मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक तीन से पांच दिसंबर को होगी।

एनएसओ उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़े 1,181 गांवों और 1,114 शहरी बाजारों से एकत्रित करता है।

भाषा रमण अजय

अजय


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