मेडिकल कॉलेज खोलने के नियमों में दी जाएगी ढील, अब ऐसे अस्पताल वालों को दी जाएगी अनुमति

मेडिकल कॉलेज खोलने के नियमों में दी जाएगी ढील, अब ऐसे अस्पताल वालों को दी जाएगी अनुमति! new medical collection laws 2023

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  • Publish Date - March 14, 2023 / 01:14 PM IST,
    Updated On - March 14, 2023 / 01:14 PM IST

नई दिल्‍ली: new medical collection laws 2023 मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए इंतजार कर रहे देश के बड़े अस्पताल संचालकों के लिए अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल केंद्र सरकार ने बड़े अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज खोलने की अनुमति दे दी है। ये फैसला केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की बैठक में लिया गया है। बताया जा रहा है कि ये फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि देश के कई छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए बाहर जाते हैं, लेकिन इस फैसले के बाद अब उन्हें बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

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new medical collection laws 2023 मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने देश के प्रतिभाशाली स्‍टूडेंट्स को देश में ही मेडिकल एजूकेशन की अतिरिक्‍त सीटें उपलब्‍ध कराने की दिशा में भी तैयारियां की हैं। इसके साथ ही देश में मेडिकल एजूकेशन को अफोर्डेबल बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनसे एमबीबीएस और स्नातकोत्तर चिकित्सा पाठ्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया है। इस कदम का उद्देश्य चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए विदेश जाने वाले भारतीय छात्रों को रोकना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि उम्मीद है कि निजी अस्पतालों के माध्यम से इस साल लगभग 1,500 अतिरिक्त मेडिकल सीटें उपलब्ध हो जाएंगी।

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मंडाविया ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, मैं व्यक्तिगत रूप से अपने डॉक्टरों को विदेशों के बजाय भारत में प्रशिक्षण देने के पक्ष में हूं। मैंने हाल ही में लीलावती, अमृता अस्पताल, मेदांता, ब्रीच कैंडी और कोकिलाबेन सहित 62 निजी अस्पतालों के साथ बैठक की और उनसे स्नातक चिकित्सा पाठ्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया।. मुझे उम्मीद है कि उनमें से कम से कम 15-20 अस्पताल इस साल कुछ सीटों से शुरुआत करेंगे। मंत्रालय ने बताया कि इस बैठक में कोकिला बेन, सत्य साई, जसलोक, ब्रिज कैंडी, अपोलो जैसे अस्पताल शामिल हुए, जो अस्‍पताल मेडिकल एजूकेशन के क्षेत्र में अपनी रुचि दिखाएंगे और मेडिकल कॉलेज खोलेंगे, उन्‍हें जमीन उपलब्‍ध कराई जाएगी। उन्‍हें कठिन- जटिल प्रक्रिया या लंबे पेपर वर्क जैसे नियमों में ढील दी जाएगी।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, अस्पतालों को कहा गया है कि वे किसी भी कार्यक्रम को शुरू करते समय सामर्थ्य को ध्यान में रखें। इसके साथ ही सरकार सब पर नजर रखेगी और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए घटिया संस्थानों को बाहर निकालने की एक सख्त प्रक्रिया रखी जाएगी। उन्‍होंने बताया कि निजी अस्पतालों में से कुछ के पास बेहतरीन बुनियादी ढांचे हैं, लेकिन चिकित्सा शिक्षा में उनकी उपस्थिति बहुत सीमित है। हम इसे बदलने की कोशिश कर रहे हैं। चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए निजी अस्पतालों को लाना कुछ वर्षों से एक नीतिगत प्राथमिकता रही है। लेकिन यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर इस मामले की तात्कालिकता प्रबल हो गई है।

 

 

 

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