शिमला, 10 सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने बिजली की खपत पर दूध उपकर और पर्यावरण उपकर लगाने का प्रावधान करने वाला विधेयक मंगलवार को पारित कर दिया।
विधेयक में दूध पर उपकर लगाने के पीछे दूध उत्पादकों को मजबूत करने और किसानों के उत्थान का उद्देश्य बताया गया है। इसके अलावा पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ पर्यावरण के लिए पर्यावरण उपकर भी लगाने की बात कही गई है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को यह विधेयक पेश किया था।
हालांकि, जिन बिजली उपभोक्ताओं का बिल शून्य आता है उन पर दूध उपकर नहीं लगेगा। बाकी सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए दूध उपकर 10 पैसे प्रति यूनिट होगा।
हिमाचल प्रदेश विद्युत (शुल्क) संशोधन विधेयक, 2024 में पर्यावरण उपकर की अलग-अलग दरें रखी गई हैं।
पर्यावरण उपकर लघु औद्योगिक बिजली खपत के लिए दो पैसे प्रति यूनिट, मध्यम औद्योगिक बिजली खपत के लिए चार पैसे प्रति यूनिट, बड़े औद्योगिक बिजली खपत और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसे प्रति यूनिट, अस्थायी कनेक्शन और स्टोन क्रशर के लिए दो रुपये प्रति यूनिट और चार्जिंग स्टेशन के लिए छह रुपये प्रति यूनिट होगा।
इसके अलावा, यह विधेयक अधिसूचना के जरिये दोनों उपकरों को एक बार में अधिकतम 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का सरकार को अधिकार देता है।
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अजय प्रेम
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