नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास ने 2023-24 के दौरान अपने पूर्व छात्रों, उद्योग जगत और व्यक्तिगत दानदाताओं से रिकॉर्ड 513 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि संस्थान को पिछले वित्त वर्ष में पूर्व छात्रों और कॉरपोरेट साझेदारों से कुल 717 करोड़ रुपये की नई प्रतिबद्धताएं भी मिलीं।
आईआईटी मद्रास के निदेशक वी कामकोटि ने कहा कि इस धनराशि का इस्तेमाल प्रौद्योगिकी अनुसंधान और विकास के अलावा संस्थान द्वारा पहले विकसित की जा चुकी प्रौद्योगिकी को सामाजिक जरूरतों के आधार पर देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात करने में किया जाएगा।’’
इसके अलावा इस राशि का इस्तेमाल योग्य छात्रों को छात्रवृत्ति देने और खेल उत्कृष्टता प्रवेश कार्यक्रम को भी समर्थन देने में किया जा रहा है।
लगातार दूसरे साल आईआईटी मद्रास ने तकनीकी अनुसंधान, छात्र परियोजनाओं के साथ परिसर में आधुनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक शैक्षणिक संस्थान द्वारा सबसे अधिक धन जुटाने का नया रिकॉर्ड बनाया।
कामकोटि ने कहा, ‘‘513 करोड़ रुपये का यह ऐतिहासिक स्तर 2022-23 सत्र में जुटाई गई 218 करोड़ रुपये की राशि से 135 प्रतिशत अधिक है। संस्थान को एक करोड़ रुपये से अधिक देने वाले दानदाताओं की संख्या 48 है जिनमें 16 पूर्व-छात्र और 32 कंपनियां हैं।’’
फंड जुटाने का नेतृत्व आईआईटी मद्रास के संस्थागत उन्नति कार्यालय ने किया जिसकी देखरेख आईआईटी मद्रास पूर्व छात्र चैरिटेबल ट्रस्ट करता है।
वर्ष 2023-24 में अकेले पूर्व छात्रों ने ही 367 करोड़ रुपये का योगदान दिया जो एक साल पहले की तुलना में 282 प्रतिशत अधिक है।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
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