अप्रैल-जून में कागज़ और पेपरबोर्ड का आयात आठ प्रतिशत बढ़ा : आईपीएमए

अप्रैल-जून में कागज़ और पेपरबोर्ड का आयात आठ प्रतिशत बढ़ा : आईपीएमए

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  • Publish Date - August 25, 2025 / 07:47 PM IST,
    Updated On - August 25, 2025 / 07:47 PM IST

नयी दिल्ली, 25 अगस्त (भाषा) भारतीय कागज़ विनिर्माता संघ (आईपीएमए) ने सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में भारत का कागज़ और पेपरबोर्ड आयात एक साल पहले की समान तिमाही की तुलना में आठ प्रतिशत बढ़कर 4,86,000 टन हो गया।

आईपीएमए ने वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में कागज़ और पेपरबोर्ड का आयात 4,52,000 टन रहा था।

अप्रैल-जून, 2025 के दौरान चीन से आयात 28 प्रतिशत बढ़कर 1,43,000 टन हो गया, जिससे भारत में कागज़ आयात के सबसे बड़े स्रोत के रूप में चीन की स्थिति मजबूत हुई।

आईपीएमए ने कहा कि आसियान देशों से आयात में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले की समान तिमाही के 78,000 टन से बढ़कर 92,000 टन हो गया।

आईपीएमए के अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा, ‘‘कागज़ के आयात में लगातार वृद्धि, खासकर चीन और आसियान से, घरेलू कागज़ उद्योग की प्रतिस्पर्धात्मकता को नुकसान पहुंचा रही है। क्षमता और स्थिरता संबंधी पहल में महत्वपूर्ण निवेश के बावजूद, भारतीय कागज़ निर्माता, घरेलू उद्योग को नुकसान पहुंचाने वाले आयात की बाढ़ के कारण संयंत्रों की क्षमता के कम उपयोग की स्थिति से जूझ रहे हैं।’’

आईपीएमए ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का वार्षिक कागज़ आयात पहले ही 20 लाख टन के आंकड़े को पार कर चुका है, जिसका मूल्य 14,629 करोड़ रुपये है, जो पिछले चार वर्षों में दोगुना हो गया है, और अकेले चीन का योगदान कुल आयात के एक-चौथाई से अधिक है।

एक अधिसूचना के अनुसार, सस्ते आयात पर लगाम लगाने के लिए, सरकार ने 31 मार्च, 2026 तक वर्जिन मल्टी-लेयर पेपर बोर्ड पर न्यूनतम आयात मूल्य 67,220 रुपये प्रति टन लगाया है।

इस उत्पाद का उपयोग फार्मास्युटिकल्स, एफएमसीजी उत्पादों, खाद्य और पेय पदार्थों, इलेक्ट्रॉनिक्स, उच्च-स्तरीय सौंदर्य प्रसाधनों, शराब, पुस्तक कवर और प्रकाशन की पैकेजिंग में किया जाता है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय