बजट-पूर्व बैठक में विशेषज्ञों ने कृषि क्षेत्र में आरएंडडी के लिए अधिक धनराशि पर जोर दिया

बजट-पूर्व बैठक में विशेषज्ञों ने कृषि क्षेत्र में आरएंडडी के लिए अधिक धनराशि पर जोर दिया

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  • Publish Date - November 10, 2025 / 06:24 PM IST,
    Updated On - November 10, 2025 / 06:24 PM IST

नयी दिल्ली, 10 नवंबर (भाषा) कृषि विशेषज्ञों ने सोमवार को जलवायु परिवर्तन की बढ़ती चुनौतियों के बीच अनुसंधान कार्यों के लिए अधिक धनराशि के साथ कृषि क्षेत्र के लिए मजबूत नीतिगत समर्थन की मांग की।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित बजट-पूर्व परामर्श के दौरान, उद्योग और अनुसंधान संगठनों के एक दर्जन से अधिक कृषि विशेषज्ञों ने कृषि क्षेत्र की वृद्धि को मौजूदा स्तर से और बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में कृषि सचिव देवेश चौधरी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक एमएल जाट, कृषि अर्थशास्त्री और उद्योग जगत के अंशधारकों ने भाग लिया।

सूत्रों के अनुसार, ‘‘बैठक सकारात्मक रही’’, जिसमें प्रतिभागियों ने कृषि और संबद्ध क्षेत्र के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों पर प्रकाश डाला और सरकार से प्राथमिकता के आधार पर उनका समाधान करने की मांग की।

भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने कहा कि पिछले दो दशकों में कृषि में अनुसंधान और विकास के लिए धन आवंटन वास्तविक रूप से कम हुआ है, और उन्होंने इस धनराशि को दोगुना करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने फसल बीमा की नई अवधारणा तैयार करने की भी मांग की, क्योंकि अधिकांश किसान और राज्य इसके परिणामों से असंतुष्ट हैं। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘इसके स्थान पर फसल क्षतिपूर्ति योजना/निधि लाने पर विचार करें।’’

जाखड़ ने एक ऐसा कानून बनाने की भी मांग की जिसमें दुकानदारों को कृषि-आदानों की बिक्री की वास्तविक समय पर राज्य सरकारों को सूचना देना अनिवार्य हो, और एमएसपी-घोषित फसलों पर आयात शुल्क लगाया जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि रोपण लागत समर्थन मूल्य से कम न हो।

भाषा राजेश राजेश पाण्डेय

पाण्डेय