पेशेवरों में हुनरमंद बनने की ललक बढ़ी, 46 प्रतिशत ने कौशल सीखने का खर्च स्वयं उठाया: रिपोर्ट

पेशेवरों में हुनरमंद बनने की ललक बढ़ी, 46 प्रतिशत ने कौशल सीखने का खर्च स्वयं उठाया: रिपोर्ट

पेशेवरों में हुनरमंद बनने की ललक बढ़ी, 46 प्रतिशत ने कौशल सीखने का खर्च स्वयं उठाया: रिपोर्ट
Modified Date: June 17, 2025 / 05:08 pm IST
Published Date: June 17, 2025 5:08 pm IST

नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) भारत में पेशेवर अब अपने ‘करियर’ में आगे बढ़ने को लेकर हुनरमंद बनने पर ध्यान दे रहे हैं और इसका जिम्मा खुद उठा रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में 46 प्रतिशत पेशेवरों ने नए कौशल सीखने का पूरा खर्च खुद उठाया है।

टीमलीज एडटेक की कर्मचारियों के मूल्यांकन में कौशल के प्रभाव पर एक रिपोर्ट के अनुसार, केवल 23.9 प्रतिशत कंपनियों ने पेशेवरों के नए कौशल सीखने का खर्चा उठाया जबकि 46 प्रतिशत पेशेवरों ने इसका खर्च खुद ही वहन किया।

यह रिपोर्ट प्रौद्योगिकी, वित्त, बिक्री, संचालन और मानव संसाधन जैसे क्षेत्र के 14,000 से अधिक कर्मचारियों की प्रतिक्रियाओं के आधार पर प्रदर्शन, सीखने और उन्नति के बारे में बदलती अपेक्षाओं को रेखांकित करती है।

 ⁠

इसमें शामिल 84 प्रतिशत पेशेवरों ने पिछले साल किसी न किसी तरह से अपने कौशल को निखारने के लिए कुछ नया सीखने की जानकारी दी। इसका कारण उज्ज्वल ‘करियर’ और भविष्य के लिए खुद को तैयार रखना है।

रिपोर्ट के अनुसार, 64 प्रतिशत से अधिक पेशेवरों ने बताया कि उनके मूल्यांकन परिणामों पर इसका सीधा असर देखने को मिला। दिलचस्प बात यह है कि 42 प्रतिशत ने कुछ नया सीखने के केवल 18 महीने के भीतर ही पदोन्नति, वेतन वृद्धि आदि जैसी उपलब्धियां हासिल की।

टीमलीज एडटेक के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शांतनु रूज ने कहा, ‘‘ इस अध्ययन से एक बात बेहद स्पष्ट है कि जो पेशेवर पहल करते हैं, खास तौर पर जो अपने सीखने में निवेश करते हैं, उन्हें न केवल कौशल बल्कि पहचान, जिम्मेदारी और वास्तविक ‘करियर’ में गति मिलती है।’’

उन्होंने कहा कि साथ ही कंपनियों को भी यह स्पष्ट संकेत देता कि कौशल में रणनीतिक रूप से अधिक निवेश की जरूरत है क्योंकि यह सीधे तौर पर प्रदर्शन पर असर डालता है।

रूज ने कहा कि कर्मचारियों को इस मामले में तुरंत कार्य करने, समझदारी से सीखने और दीर्घकालिक नजरिया रखने की जरूरत है। वहीं नियोक्ताओं को खासतौर पर प्रौद्योगिकी और वित्त जैसे उच्च-प्रभाव वाले कार्यों के लिए मूल्यांकन के साथ कौशल विकास बजट को उसके अनुरूप बनाने, स्व-वित्तपोषित कौशल प्रयासों को मान्यता देने की आवश्यकता है।

भाषा निहारिका रमण

रमण

निहारिका


लेखक के बारे में