भारत ने 2025 में दो लाख करोड़ रुपये के निवेश से 50 गीगावॉट नवीकरणीय क्षमता जोड़ी

भारत ने 2025 में दो लाख करोड़ रुपये के निवेश से 50 गीगावॉट नवीकरणीय क्षमता जोड़ी

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  • Publish Date - December 21, 2025 / 11:05 AM IST,
    Updated On - December 21, 2025 / 11:05 AM IST

(कमल किशोर शंकर)

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) वर्ष 2025 में प्रमुख वैश्विक शक्तियों ने नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर कम किया, जबकि इस दौरान भारत ने एक बड़ा मुकाम हासिल किया। इस दौरान भारत की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से आने लगा। उसने यह लक्ष्य पेरिस समझौते के तहत तय 2030 की समयसीमा से पांच साल पहले हासिल कर लिया।

दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था भारत की कुल स्थापित उत्पादन क्षमता अब करीब 510 गीगावॉट हो गई है, जिसमें 247 गीगावॉट जीवाश्म ईंधन आधारित और 262 गीगावॉट गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से है। गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों में 254 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा से है।

भारत ने 2025 में लगभग 50 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ी, जिसके लिए करीब दो लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया। इससे देश की कुल गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता लगभग 262 गीगावॉट तक पहुंच गई। सरकार को उम्मीद है कि 2026 में भी इसी रफ्तार से क्षमता जोड़ी जाएगी। हालांकि भूमि अधिग्रहण, मार्ग अधिकार और बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) पर हस्ताक्षर में देरी जैसी चुनौतियां नई परियोजनाओं को सीमित कर रही हैं।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि 2025 में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई, जिसमें जनवरी से नवंबर के बीच करीब 45 गीगावॉट नवीकरणीय क्षमता जोड़ी गई। इसमें लगभग 35 गीगावॉट सौर ऊर्जा का योगदान रहा।

उन्होंने कहा, ”दिसंबर के अंत तक हम करीब 48–50 गीगावॉट पर पहुंच जाएंगे। भविष्य उज्ज्वल है और नवीकरणीय ऊर्जा से संचालित होगा।” उन्होंने जोड़ा कि 2026 में भी यह गति बनी रहने की उम्मीद है।

उद्योग के अनुमान के मुताबिक प्रति मेगावॉट निवेश आवश्यकता लगभग चार करोड़ रुपये है। इस तरह 50 गीगावॉट क्षमता जोड़ने के लिए करीब दो लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ।

प्रीमियर एनर्जीज के मुख्य व्यवसाय अधिकारी विनय रुस्तगी ने कहा कि 2025 नवीकरणीय ऊर्जा के लिए बेहद सक्रिय साल रहा। उन्होंने बताया कि नई परियोजनाओं को चालू करने की रफ्तार पिछले साल की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ी, जिसमें पीएम सूर्य घर योजना और पीएम कुसुम योजना से बड़ा प्रोत्साहन मिला।

भाषा पाण्डेय

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